Move to Jagran APP

भारत की पाकिस्‍तान को सलाह : हमारे जैसा संवैधानिक अधिकार अपने अल्पसंख्यकों को दो

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने एक बार फिर बहुपक्षीय मंच पर अपने झूठे राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए जाने-अनजाने झूठे बयानों को हवा दी है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 17 Dec 2019 08:22 PM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 01:14 AM (IST)
भारत की पाकिस्‍तान को सलाह : हमारे जैसा संवैधानिक अधिकार अपने अल्पसंख्यकों को दो
भारत की पाकिस्‍तान को सलाह : हमारे जैसा संवैधानिक अधिकार अपने अल्पसंख्यकों को दो

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। नागरिकता संशोधन कानून पर कभी अपने संसद में प्रस्ताव पारित करके तो कभी अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसे उठाने की कोशिश में जुटे पड़ोसी देश पाकिस्तान को भारत ने एक भली सलाह दी है। भारत ने कहा है कि, उसे अपने यहां के अल्पसंख्यकों को भी भारत संवैधानिक व्यवस्था के तहत जो अधिकार यहां के अल्पसंख्यकों को मिली है वैसे ही अधिकार देने की व्यवस्था करनी चाहिए। इस सलाह के साथ भारत ने पाकिस्तान को इस बात के लिए लताड़ भी लगाई है कि उसके जिस संसद में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव वाला विधेयक पारित होता है वहां दूसरे देशों के अल्पसंख्यकों के हालात पर झूठ फैलाया जा रहा है।

loksabha election banner

सीएए पर झूठ फैलाने में जुटे पाक पीएम इमरान खान व पाक संसद को भारत की सलाह

सोमवार को पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर एक निंदा प्रस्ताव पारित किया गया था। जबकि जेनेवा में फ‌र्स्ट ग्लोबल रिफ्यूजी फोरम को संबोधित करते हुए पीएम इमरान खान ने कश्मीर से धारा 370 हटाने, सीएए के संदर्भ में कहा है कि दक्षिण एशिया में एक बड़े शरणार्थी संकट पैदा होने की स्थिति बन रही है। खान ने कहा है कि अगर भारत में दो-तीन फीसद मुस्लिम आबादी भी अपनी नागरिकता नहीं साबित कर पाती है तो यह एक बड़ा शरणार्थी संकट पैदा कर सकता है। उन्होंने विश्व बिरादरी से भारत पर दबाव बनाने की अपील करते हुए कहा है कि अगर भारत को ऐसे कदम उठाने से नहीं रोका गया तो यह आने वाले दिनों में कई दूसरी तरह की कठिनाइयों को पैदा कर सकता है।

इमरान खान ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर झूठा राग अलापा

भारत ने पाक पीएम इमरान खान और वहां के संसद में पारित प्रस्ताव पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा है कि, ''पीएम इमरान खान ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर झूठा राग अलापा है। पिछले 72 वर्षो में पाकिस्तान ने बहुत ही सिलसिलेवार तरीके से अपने यहां के अल्पसंख्यकों को प्रताडि़त किया है। उन्हें भारत भागने के लिए मजबूर किया है। पाकिस्तान को इन अल्पसंख्यकों व मुस्लिम समुदाय के दूसरे वर्गो को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।'' इस बयान के अलावा विदेश मंत्रालय ने एक दूसरी विस्तृत विज्ञप्ति जारी की है जिसमें पाकिस्तान के संसद में पारित प्रस्ताव भारत ने इसे सीधे तौर पर अपने आतंरिक मामले में हस्तक्षेप करने का दुष्प्रयास करार देते हुए कहा गया है कि उसके सभी नागरिकों को उनकी आस्था के निरपेक्ष भारत के संविधान के अंतर्गत समान अधिकार प्राप्त है। साथ ही पाकिस्तान से आग्रह किया गया है कि वे भी इसी प्रकार के आदर्शो का आत्मसात करें।

इसमें आगे कहा गया है कि ''यह प्रस्ताव जम्मू व कश्मीर व लद्दाख के मुद्दे पर पाकिस्तान की तरफ से चलाये जा रहे भ्रामक अभियान का ही हिस्सा है। उक्त प्रस्ताव का उद्देश्य भारत में चलाई जा रही सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों को पाकिस्तान के सतत समर्थन व सहयोग को न्यायोचित ठहराना है। हमें विश्वास है कि पाकिस्तान अपने ऐसे दुष्प्रयासों में विफल होगा।'' भारत ने यह भी कहा है कि इस प्रस्ताव में पाकिस्तान में वहां रहने वाले धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति किए जा रहे दुर्भावनापूर्ण व्यवहार व उत्पीड़न से ध्यान हटाने के लिए एक निष्फल प्रयास किया गया है।

पाकिस्तान में इन अल्पसंख्यकों चाहे वे हिंदू हों या ईसाई या सिख या कोई अन्य समुदाय की मौजूदा जनसंख्या ही उनकी वास्तविक स्थिति को बयान कर रही है। इस प्रस्ताव में नागरिकता संशोधन कानून, 2019 के उद्देश्यों के प्रति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भ्रम फैलाने का प्रयास किया गया है। इस अधिनियम के तहत चुनिंदा देशों के उन विदेशियों को नागरिकता प्रदान की जानी है जो उत्पीडि़त धार्मिक अल्पसंख्यक हैं। इस अधिनियम में किसी भी भारतीय की नागरिकता को उसके धर्म या आस्था को ध्यान में रखते हुए छीने जाने का कोई प्रावधान नहीं है। भारत ने पाकिस्तान को यह भी याद दिलाया है कि जिस एसेंबली ने स्वयं ही अपने देश के धार्मिक अल्पसंख्यकों के विरुद्ध भेदभावपूर्ण कानून पारित किए हैं वह दूसरों पर उंगली उठाने का काम कर रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.