Move to Jagran APP

वित्त मंत्री ने कहा- इकोनॉमी को विकास के रास्ते पर लाने के लिए उद्योग जगत आगे आएं

उद्योग जगत के एक तबके का मानना है कि आर्थिक सुस्ती के मौजूदा दौर में वित्त मंत्री को कुछ बड़े और कड़े कदम उठाने की जरूरत थी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 04 Feb 2020 11:30 PM (IST)Updated: Tue, 04 Feb 2020 11:30 PM (IST)
वित्त मंत्री ने कहा- इकोनॉमी को विकास के रास्ते पर लाने के लिए उद्योग जगत आगे आएं
वित्त मंत्री ने कहा- इकोनॉमी को विकास के रास्ते पर लाने के लिए उद्योग जगत आगे आएं

नई दिल्ली, प्रेट्र। बीते शनिवार को आम बजट पेश करने के बाद मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योग जगत से संकोच त्यागने का आग्रह किया है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) के एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने उद्योग जगत से आह्वान किया कि वे बेखौफ होकर निवेश करें, ताकि देश विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ सके। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार बजट के प्रावधानों को लागू करने में देरी नहीं करेगी और देखेगी कि सभी योजनाओं का समय पर क्रियान्वयन हो।

loksabha election banner

इकोनॉमी को विकास के रास्ते पर लाने के लिए उद्योग जगत को आगे आना होगा

सीतारमण ने कहा, 'मैं समझती हूं कि वर्तमान परिस्थितियों में केवल सरकार की तरफ से किया जाने वाला खर्च देश की इकोनॉमी को विकास के रास्ते पर नहीं ले जा सकता है। मेरा मानना है कि उद्योग जगत को संकोच त्यागकर आगे आना होगा।'

सीमा शुल्क बढ़ाने का मकसद घरेलू उद्योग की रक्षा करना, मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना

वित्त मंत्री का यह भी कहना था कि बजट प्रावधानों के तहत कई उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ाने का मकसद घरेलू उद्योग की रक्षा करना और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना है। मेक इन इंडिया से सरकार का फोकस हटा नहीं है। अगर उद्योग जगत को लगता है कि सारा ध्यान अब असेंबल इन इंडिया पर चला जाएगा, तो ऐसा नहीं होने वाला है।

अर्थव्यवस्था को सुस्ती के दौर से बाहर निकालना है

अप्रैल से शुरू हो रहे वित्त वर्ष के लिए आम बजट में वित्त मंत्री ने व्यक्तिगत आयकर के स्लैब में कई बदलाव किए हैं। इसके अलावा उन्होंने कंपनियों को डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (डीडीटी) से मुक्ति दे दी और कृषि व इन्फ्रा क्षेत्रों के लिए सबसे अधिक निवेश का वादा किया। इन सभी कदमों का मकसद अर्थव्यवस्था को पिछले एक दशक में सुस्ती के सबसे बड़े मौजूदा दौर से बाहर निकालना है।

वित्त मंत्री को कुछ बड़े और कड़े कदम उठाने की जरूरत थी- उद्योग जगत

हालांकि उद्योग जगत ने बजट पर मिलीजुली प्रतिक्रिया ही दी है। इसके एक तबके का मानना है कि आर्थिक सुस्ती के मौजूदा दौर में वित्त मंत्री को कुछ बड़े और कड़े कदम उठाने की जरूरत थी। दूसरी तरफ, एक तबका यह भी मानता है कि सरकार के पास प्रयोग की ज्यादा गुंजाइश नहीं थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.