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Citizenship Amendment Bill: जानिए, नागरिकता संशोधन विधेयक की विशेषताएं

बिल उन क्षेत्रों में लागू नहीं होगा जो संविधान की छठी अनुसूची में आते हैं। इनमें असम मेघालय त्रिपुरा और मिजोरम के आदिवासी बहुत स्वायत्त इलाके आते हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 08:50 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 08:50 PM (IST)
Citizenship Amendment Bill: जानिए, नागरिकता संशोधन विधेयक की विशेषताएं
Citizenship Amendment Bill: जानिए, नागरिकता संशोधन विधेयक की विशेषताएं

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा में सोमवार को पेश विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक की विशेषताएं इसप्रकार हैं।

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1- नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) के प्रावधान विदेश से आए उन चुनिंदा लोगों पर लागू होंगे जो भारत में नागरिकता की मांग करेंगे अथवा जिन्हें भारत में शरण लेने के लिए बाध्य किया गया होगा।

2- ऐसे लोगों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश अथवा पाकिस्तान से आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी तथा ईसाई अल्पसंख्यक समुदायों के वे लोग शामिल हैं, जिन्हें भारत सरकार ने पासपोर्ट एक्ट, 1920 अथवा फॉरेनर्स एक्ट, 1946 अथवा उनके किसी नियम या आदेश के प्रावधानों से छूट प्रदान की होगी।

3- बिल में उक्त समुदायों के लोगों को गैर-कानूनी आव्रजन से सुरक्षा देने का प्रावधान है। अर्थात उन्हें भारत में गैरकानूनी ढंग से प्रवेश का दोषी नहीं माना जाएगा।

4- बिल के प्रावधान 31 दिसंबर, 2014 को या इससे पहले भारत में प्रवेश कर चुके आवेदकों पर लागू होंगे।

5- बिल में धारा 7 के साथ एक उपधारा (द अथवा डी) जोड़ी गई है। जिसके तहत नागरिकता कानून का उल्लंघन करने वाले ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआइ) कार्ड धारकों का पंजीयन रद करने का प्रावधान है।

6- बिल के एक अन्य प्रावधान के अनुसार जिन आवेदकों के पास भारत में जन्म लेने का प्रमाणपत्र न हो वे पांच वर्ष बाद प्रमाणपत्र हासिल कर सकते हैं। अभी उन्हें इसके लिए 11 वर्ष तक इंतजार करना पड़ता है।

7- बिल उन क्षेत्रों में लागू नहीं होगा जो संविधान की छठी अनुसूची में आते हैं। इनमें असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के आदिवासी बहुत स्वायत्त इलाके आते हैं। इसके अलावा बिल मिजोरम, नगालैंड व अरुणाचल प्रदेश जैसे उन राज्यों पर भी लागू नहीं होगा जहां इनर-लाइन परमिट सिस्टम लागू है।

8- अगर किसी व्यक्ति पर गैर-कानूनी ढंग से रहने का मामला चल रहा हो तो भी वह नागरिकता का फार्म भर सकता है। नागरिकता मिलते ही वह मामला खत्म हो जाएगा।


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