Move to Jagran APP

सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी ने बैठक की, सदस्य अनिल घनवट बोले- कानूनी परिणामों के विश्‍लेषण के बाद जारी करेंगे रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त कृषि समिति के सदस्य अनिल घनवट ने सोमवार को कहा कि वह कानूनी परिणामों का विश्लेषण करने के बाद पैनल की रिपोर्ट जारी करने के बारे में फैसला करेंगे। जानें उन्‍होंने क्‍या बातें कही हैं...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 22 Nov 2021 05:46 PM (IST)Updated: Mon, 22 Nov 2021 06:02 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी ने बैठक की, सदस्य अनिल घनवट बोले- कानूनी परिणामों के विश्‍लेषण के बाद जारी करेंगे रिपोर्ट
अनिल घनवट ने कहा कि वह कानूनी परिणामों का विश्लेषण करने के बाद पैनल रिपोर्ट जारी करने पर फैसला करेंगे।

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त कृषि समिति के सदस्य अनिल घनवट ने सोमवार को कहा कि वह कानूनी परिणामों का विश्लेषण करने के बाद पैनल की रिपोर्ट जारी करने के बारे में फैसला करेंगे। उन्‍होंने यह भी दावा किया कि समिति के दो अन्य सदस्यों ने उन्हें इस बारे में निर्णय लेने की स्वतंत्रता दे दी है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी से सभी संबंधित पक्षकारों और केंद्र सरकार से बात करके अदालत में रिपोर्ट देने को कहा था। कमेटी ने 19 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी थी।

loksabha election banner

19 मार्च के बाद से अब तक रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है जबकि घनवट ने मुख्य न्यायाधीश से पहली सितंबर को एक पत्र में सार्वजनिक डोमेन में इस रिपोर्ट को जारी करने का अनुरोध किया था। उनका कहना था कि सिफारिशें चल रहे किसानों के आंदोलन को हल करने में मदद करेंगी। शेतकारी संगठन के अध्यक्ष घनवट ने कहा कि समिति ने सोमवार को तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के सरकार के निर्णय की पृष्ठभूमि के संबंध में बैठक की। बैठक में हमने विस्तार से चर्चा की कि रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए या नहीं।

घनवट ने बताया कि अन्य दो सदस्यों ने मुझे इस मुद्दे पर फैसला लेने की आजादी दी। मैं कानूनी परिणामों का विश्लेषण करने के बाद इस बारे में फैसला करूंगा। समिति के अन्य दो सदस्य अशोक गुलाटी (कृषि अर्थशास्त्री, कृषि लागत और मूल्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष) और प्रमोद कुमार जोशी (कृषि अर्थशास्त्री और अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान में दक्षिण एशिया के निदेशक) हैं। ये दोनों टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे। घनवट का कहना है कि पैनल की रिपोर्ट किसानों के हित में है और इसे देश के कृषि क्षेत्र और किसानों के कल्याण के व्यापक हित में सार्वजनिक किया जाना चाहिए। 

उच्चतम न्यायालय की ओर से नियुक्त कृषि समिति के सदस्य अनिल घनवट तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को प्रतिगामी बता चुके हैं। उनका कहना है कि कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे कृषि क्षेत्र में संभावित सुधारों की पहलकदमी को बड़ा धक्का लगा है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वह कमेटी की रिपोर्ट जारी करे अन्यथा वह खुद इसे सार्वजनिक करेंगे ताकि लोग इस रिपोर्ट में की गई सिफारिशों के बारे में जानें और उस पर चर्चा हो सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.