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चश्मदीदों ने खोली कांग्रेस की पोल, कहा- राहुल ने की थी सिर्फ मुस्लिमों की बात

कांग्रेस पूरी ताक़त से यह साबित करने में लग गयी कि राहुल ने ऐसा कहा ही नहीं। इस बचाव के जाल में कांग्रेस और उलझती जा रही है।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 04:46 PM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 05:58 PM (IST)
चश्मदीदों ने खोली कांग्रेस की पोल, कहा- राहुल ने की थी सिर्फ मुस्लिमों की बात
चश्मदीदों ने खोली कांग्रेस की पोल, कहा- राहुल ने की थी सिर्फ मुस्लिमों की बात

मुमताज़ आलम रिज़वी, इंक़िलाब। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुस्लिम बुद्धिजीवियों की मुलाकात के बाद उर्दू अखबार इंक़िलाब में छपी खबर पर सियासी तूफान मच गया है। दरअसल, राहुल गांधी की इस मुलाकात के दौरान मुस्लिमों पर दिए बयान को अखबार इंकिलाब ने सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट लिखी थी।

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अखबार इंक़िलाब की सुर्खी थी ''हां, कांग्रेस मुसलामानों की पार्टी है'' जिस पर बवाल मच गया है। राहुल के मुस्लिमों पर दिए बयान के बचाव में लगी कांग्रेस अब और उलझती जा रही है। सोमवार को कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘राहुल ने सिर्फ मुस्लिमों की नहीं, बल्कि सिख, ईसाई, जैन, पारसी हर समुदाय की बात की थी।‘ सुरजेवाला की सफाई के बाद इंक़लाब ब्यूरो ने फिर से पड़ताल की और उन लोगों से बात की कि जो राहुल गांधी से मिलने गए थे।

इंक़लाब ने मुलाकात में मौजूद रहे सामाजिक कार्यकर्ता इलियास मलिक, सुप्रीम कोर्ट के वकील जेड. के. फैज़ान और फज़ल अय्यूबी से बात की। इलियास मलिक से सुरजेवाला की ओर से पेश की गई सफाई को लेकर सवाल किया गया। उनसे यह पूछा गया कि क्या राहुल ने ईसाई, जैन, पारसी आदि समुदाय का जिक्र किया था? इस पर इलियास मलिक ने कहा ''कौन क्या बयान देता है मुझे इससे कोई लेना देना नहीं लेकिन यह सच है कि जब मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल राहुल गांधी से मिलने गया था तो बात मुसलमानों के ताल्लुक़ से हुई है। राहुल ने मुस्लिमों के मसले सुने और उनपर बात की। इसमें न सिखों की बात हुयी, ना ईसाइयों की और न किसी और की बात हुई। साथ ही हमने तीन तलाक़, हलाला जैसे मसले पर बात नहीं की।'

वहीं जेड के फैज़ान ने कहा कि 'देखिये, अगर सबकी बात करनी होती तो मुलाकात में सबको बुलाया जाता, सिर्फ मुस्लिम बु्द्धिजीवियों को ना बुलाया जाता। जनरल बातें तो आएंगी लेकिन सारी बातें मुसलमानों के मामलों पर हुई और हम लोगों की मुलाकात का मकसद भी यही था, आजादी के बाद मुस्लिमों के हालात पर बात हुई, उनके हकों पर बात हुई, राहुल गांधी ने बारी-बारी सबको सुना और उस पर जवाब भी दिया। राहुल गांधी से जब यह कहा गया की आप ऐसी बात न करें जिससे पोलराइजेशन हो तो उस पर उन्होंने कहा कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है।'

फज़ल अय्यूबी ने कहा कि 'यह सच है की राहुल गांधी से मुस्लिम बुद्धिजीवियों के प्रतिनिधमंडल ने मुलाक़ात की थी और मुस्लिम मसलों पर हमने बात की। राहुल ने भी मुस्लिमों के हवाले से जवाब दिया और बात की। इसमें कोई हैरत की बात नहीं है। हमारा मकसद ही था की जो मुस्लिम मसले हैं उनको पेश किया जाए। जो हालात व अहवाल है उनके सामने रखे जाए। यह कहना गलत है कि मुस्लिमों की बात नहीं हुई। राहुल गांधी ने यह स्वीकार किया कि कांग्रेस के दरवाज़े कई साल से मुसलमानों के लिए बंद थे, जिन्हें हमने खोल दिया है।'


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