Covid-19 के दौर में दिखाई दे रही नए समीकरणों की सुगबुगाहट, जयशंकर ने की पांच देशों के विदेश मंत्रियों के साथ बातचीत
कोविड-19 के दौर में कई चुनौतियों के दौर में जिस तरह से नए समीकरणों की सुगबुगाहट दिखाई देने लगी है भारत भी उससे ताल मिलाने की कोशिश में जुट गया है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोविड-19 के दौर में सामने आई आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के दौर में जिस तरह से नए समीकरणों की सुगबुगाहट दिखाई देने लगी है, भारत भी उससे ताल मिलाने की कोशिश में जुट गया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को पांच देशों (अमेरिका, रूस, ब्राजील, ओमान और सऊदी अरब) के विदेश मंत्रियों से बात की। इन पांचों देशों के साथ भारत के संबंध पहले से ही प्रगाढ़ हैं, लेकिन मौजूदा सामरिक और ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए इन वार्ताओं का महत्व और बढ़ गया है।
ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों के साथ जयशंकर ने की बातचीत
जयशंकर की सबसे पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से बात हुई। दोनों नेताओं ने कोविड-19 से उत्पन्न हालात के साथ ही द्विपक्षीय संबंधों, ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक और अफगानिस्तान के हालात को लेकर भी चर्चा की। पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी को मई, 2020 में रूस जाना था। लेकिन, अब यह संभव नहीं दिख रहा।
इसके बाद जयशंकर ने ब्राजील के विदेश मंत्री एर्नेस्टो आराउजो से बात की। इसके बारे में जयशंकर ने जानकारी दी कि राष्ट्रपति जे बोलसोनारो की भारत यात्रा के बाद द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की गई है। वैसे ब्रिक्स का सदस्य ब्राजील भी है और दोनों के बीच आगामी बैठक की तैयारियों पर भी चर्चा हुई है। ब्रिक्स के सभी पांच देशों के विदेश मंत्रियों के बीच वीडियो कांफ्रेंसिंग 28 अप्रैल को होनी है।
माइक पोंपियों से भी की बात
जयशंकर ने बाद में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो से बात की। इनके बीच मुख्य तौर पर कोरोना वायरस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग, लगातार बदल रही चुनौतियों व भावी परिणामों पर चर्चा हुई है। रूस व अमेरिकी विदेश मंत्रियों के साथ जयशंकर की अफगानिस्तान के हालात पर भी चर्चा हुई है, जो बहुत ही तेजी से बदल रहे हैं।
इसके बाद जयशंकर ने खाड़ी के दो मित्र राष्ट्रों सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैजल और ओमान के विदेश मंत्री यूसूफ अलावी से बात की। दोनों को जयशंकर ने अपने नागरिकों का सही तरह से देखभाल करने के लिए धन्यवाद दिया है। सऊदी अरब को भारत ने जहां खाद्य सुरक्षा को लेकर आश्वस्त किया है, वहीं ओमान को कोरोना वायरस से निपटने में हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है। ये दोनों देश भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए भी काफी महत्वपूर्ण हैं।