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जम्मू-कश्मीर विभाजन प्रभावी होने के कुछ घंटे पहले भारत को मिला EU का साथ, कही ये बात

बता दें 31 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर से अलग होकर दो केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और जम्मू कश्मीर बन जाएंगें उससे ठीक पहले कश्मीर पर ईयू ने भारत का समर्थन किया है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 11:27 AM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 05:05 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर विभाजन प्रभावी होने के कुछ घंटे पहले भारत को मिला EU का साथ, कही ये बात
जम्मू-कश्मीर विभाजन प्रभावी होने के कुछ घंटे पहले भारत को मिला EU का साथ, कही ये बात

श्रीनगर, एजेंसी। जम्मू और कश्मीर राज्य के दो केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख और जम्मू और कश्मीर में विभाजन का नोटिफिकेशन जारी होने के कुछ घंटे पहले यूरोपीय यूनियन(ईयू) ने भारत का समर्थन किया है। बता दें, गुरुवार, 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर राज्य के दो हिस्सों में विभाजन की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। अधिसूचना जारी होते दोनों राज्य अस्तित्व में आ जाएंगे।

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केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनु्च्छेद 370 खत्म करने के साथ ही इसे दो केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में विभाजित कर दिया है। बुधवार को कश्मीर की अपनी दो दिवसीय लंबी यात्रा का समापन करने वाले यूरोपीय संघ (ईयू) के चार सदस्यों ने कहा कि वे आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में भारत का समर्थन करते हैं क्योंकि यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।

जम्मू-कश्मीर का दौरा करने के बाद आज पहली बार बोलते हुए यूरोपीय यूनियन (ईयू) के सांसदों ने भारत का समर्थन करते हुए कहा है कि वह कश्मीर के हालात से संतुष्ट हैं। उन्होंने कश्मीर मुद्दे को भारत का आंतरिक मामला बताया और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में वह भारत के साथ हैं।

जम्मू-कश्मीर का दौरा पूरा कर यूरोपीय यूनियन (EU) के सांसदों के दल ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत एक शांत देश है और कश्मीर के लोगों को भारत से काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने साथ ही कि उनके इस दौरे को राजनीतिक चश्मे से ना देखा जाए, यह बिल्कुल ठीक नहीं है। हम सिर्फ यहां हालात का जायजा लेने आए हैं।

'अनुच्छेद-370 भारत का आंतरिक मामला'

अनुच्छेद-370 पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है। उन्होंने साथ ही कहा कि अगर भारत-पाकिस्तान को शांति स्थापित करनी है तो दोनों देशों को आपस में बातचीत करनी होगी। अपने कश्मीर दौरे पर EU सांसदों ने कहा कि हमें वहां रहने का ज्यादा समय नहीं मिला, हम ज्यादा लोगों से नहीं मिल पाए। उन्होंने आगे कहा कि ना जाने से बेहतर रहा कि वह थोड़े समय के लिए ही सही, लेकिन वहां गए।

'आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ'

'यूरोपियन यूनियन के सांसदों ने आतंकवाद के मसले पर भारत का समर्थन किया। EU सांसदों ने आतंक के मसले पर कहा कि हम इसके खिलाफ हैं। इस दौरान उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि वह यूरोपीय संसद में अपने कश्मीर दौरे की रिपोर्ट पेश नहीं करेंगे।

ओवैसी को EU सांसदों का जवाब

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान EU सांसदों ने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बयान का भी खंडन किया।  EU सांसदों ने कहा कि हम नाज़ी लवर्स नहीं है। अगर हम ऐसे होते तो हमें कभी नहीं चुना जाता। उन्होंने नाज़ी शब्द के इस्तेमाल पर भी आपत्ति जताई। बता दें, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने EU सांसदों की तुलना नाज़ी लवर्स से करते हुए उनपर निशाना साधा था।

बता दें, मंगलवार को यूरोपीय संसद के 23 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर पहुंचा था। यहां उन्होंने स्थानीय नेताओं, अधिकारियों और सरपंचों से मुलाकात की थी। कश्मीर घाटी के हालात पर EU सांसदों को भारतीय सेना ने एक प्रेजेंटेशन भी दी थी। सभी सांसद डल झील भी गए थे।

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