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किसानों से जताई सहानुभूति, मांगों को राजनीतिक रंग देने पर विपक्ष पर बरसे कृषि मंत्री

किसानों के मुद्दे को विपक्ष के राजनीतिक रंग देने से नाराज कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 30 Nov 2018 10:02 PM (IST)Updated: Sat, 01 Dec 2018 01:15 AM (IST)
किसानों से जताई सहानुभूति, मांगों को राजनीतिक रंग देने पर विपक्ष पर बरसे कृषि मंत्री
किसानों से जताई सहानुभूति, मांगों को राजनीतिक रंग देने पर विपक्ष पर बरसे कृषि मंत्री

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। किसानों के मुद्दे को विपक्ष के राजनीतिक रंग देने से नाराज कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने तल्खी भरे लहजे में कहा कि संप्रग दस साल केंद्र की सरकार में रही, तब कुछ क्यों नहीं किया? हमारी सरकार ने किसानों के हित में ही फैसले लिये हैं। विपक्ष के उठाये मुद्दों पर केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने 21 सूत्री जवाबों का एक विस्तृत बयान भी जारी किया है। उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्व संप्रग सरकार को कठघरे में भी खड़ा किया है।

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कृषि उपज के उचित मूल्य दिलाने की दिशा में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि बाजार की अवधारणा को लागू किया गया। इसके तहत 585 मंडियों को ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना की शुरुआत की गई। योजना को लगातार आगे बढ़ाया जा रहा है, जिसके नतीजे उत्साहजनक साबित हो रहे हैं।

कृषि उत्पाद बाजार को सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2018-19 में दो हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। किसानों तक मंडी की पहुंच बनाने के लिए सुदूर के 22 हजार छोटे बाजार और हाट को मंडी में विकसित किया जाएगा।

कृषि मंत्री सिंह ने कहा कि मॉडल मंडी कानून बनाकर प्रत्येक राज्य सरकार को भेजा गया है, जिसे राज्यों को लागू करना है। इसमें सरकारी मंडियों के साथ निजी क्षेत्र को भी अपनी मंडी बनाने की अनुमति का प्रावधान है।

किसानों की खेती की लागत को कम करने की दिशा में अहम पहल की है। इसके तहत मिट्टी की जांच, उसके अनुरूप फर्टिलाइजर का उपयोग और यूरिया को नीम कोटेड किया गया। इससे किसानों की लागत घटाने में मदद मिली है। परंपरागत कृषि योजना के तहत जैविक खेती को खूब प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके नतीजे भी उत्साहजनक रहे हैं। इस तरह के उत्पादों की जहां घरेलू बाजार में मांग है, वहीं निर्यात मांग भी निकलने लगी है।

सिंह ने कहा है कि किसानों को जोखिम से बचाने के लिए बेहद रियायती प्रीमियम वाली फसल बीमा योजना शुरु की गई है। बीमा योजना में कई और सहूलियतें दी गई हैं। आपदा राहत में डेढ़ गुना की वृद्धि की गई है। खेती के लिए अहम जरूरत सिंचाई के बाबत लंबित परियोजनाओं को चालू करने को प्राथमिकता दी गई।

किसानों की आमदनी को दोगुना करने को लेकर सरकार ने खेती से जुड़े संबद्ध उद्यम को प्रोत्साहित किया जा रहा है। डेयरी विकास, मछली पाल, बागवानी, मधुमक्खी पालन व कृषि वानिकी जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा दिया जा रहा है। कृषि मंत्री ने विपक्षी दलों के नेताओं से सवाल किया है कि पूर्ववर्ती प्रसंग की उनकी सरकार के दौरान इन कार्यो को नजरअंदाज क्यों किया गया?


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