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दो दर्जन राज्यों में BJP आज राहुल गांधी से पूछेगी सवाल, आपातकाल के दिनों की दिलाएगी याद

आपातकाल के खिलाफ काला दिवस मना रही भाजपा आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से कई सवाल पूछेगी और इमरजेंसी के दिनों को याद दिलाएगी।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Tue, 26 Jun 2018 07:30 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jun 2018 08:06 AM (IST)
दो दर्जन राज्यों में BJP आज राहुल गांधी से पूछेगी सवाल, आपातकाल के दिनों की दिलाएगी याद
दो दर्जन राज्यों में BJP आज राहुल गांधी से पूछेगी सवाल, आपातकाल के दिनों की दिलाएगी याद

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। 1975 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के विरोध में भाजपा पूरे देश में काला दिवस मना रही है। जिसके तहत आज पार्टी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का घेराव करती नजर आएगी। वह कांग्रेस को आपातकाल के दिनों की याद दिलाएगी। 

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आज (मंगलवार) को लगभग दो दर्जन राज्यों में भाजपा के बड़े नेता मीडिया और जनता से रूबरू होकर आपातकाल की दशा और कांग्रेस की मानसिकता पर सवाल उठाएंगे। इस क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंबई में आपातकाल के खिलाफ लड़ने वालों को सम्मानित करेंगे, तो भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अहमदाबाद में होंगे।

यूं तो भाजपा हर साल आपातकाल को काला दिवस के रूप में मनाती रही है, लेकिन इस बार इसका कुछ खास अर्थ भी है। दरअसल, पिछले कुछ दिनों से राहुल भाजपा नेतृत्व की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। भाजपा की ओर से उन्हें याद दिलाया जाएगा कि कांग्रेस काल में पूरे देश पर प्रतिबंध लागू था। किसी को बोलने की आजादी नहीं थी। एक नेता को खुश करने के लिए देश का दम घोंटा गया था। कांग्रेस में आज भी वही स्थिति बरकरार है, जब पार्टी एक परिवार की होकर रह गई है।

21 महीनों तक कष्ट-यातनाओं के दौर से गुजरा देश

सोमवार को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि 21 महीनों तक देश कष्ट-यातनाओं के दौर से गुजरा। उन्‍होंने कहा है कि आपातकाल के दिन असंख्य लोगों को बिना वजह कालकोठरी में डाल दिया गया था। शाह ने अपने ट्विटर पर कहा है कि ऐसे आपातकाल में लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करने में अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले सभी देशवासियों को कोटि-कोटि वंदन। उन्होंने आगे लिखा है कि '1975 में आज ही के दिन (25 जून) कांग्रेस द्वारा मात्र सत्ता में बने रहने के अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश के लोकतंत्र की हत्या कर दी गई थी। देश की संसद को निष्क्रय बना कर उच्चतम न्यायालय को मूकदर्शक की हैसियत में तब्दील कर दिया गया। अखबारों की जुबान पर ताले जड़ दिए गए थे।'

25 जून, 1975 को लागू की हुई थी इमरजेंसी

गौरतलब है कि 25 जून, 1975 को तत्कालीन राष्ट्रपति फखरूद्दीन के हस्ताक्षर के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू किया था। इस दौरान 26 जून की सुबह लोकनायक जय प्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई समेत तमाम दिग्गज नेताओं को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया था। आजाद भारत के इतिहास में यह पहला अवसर था जब राजनीतिक कारणों से देश में आपातकाल लगाया गया था। बता दें कि भाजपा हमेशा से ही कांग्रेस को आपातकाल के मुद्दे पर घेरती आई है।

आपको बता दें, इंदिरा गांधी ने भारत में 25 जून 1975 से लेकर 21 मार्च 1977 तक आपातकाल लागू किया था। इस दौरान देश की राजनीति में बड़े बदलाव देखने को मिले थे। आपातकाल के दौरान प्रेस की आजादी पर भी हमला हुआ था और राजधानी दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित अखबारों के दफ्तरों की बिजली काट दी गई थी। उस दौरान कई अखबारों ने मुखर होकर आपातकाल का विरोध किया था।


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