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Lok Sabha Election 2024: गुमनाम और आरोप प्रत्यारोप वाले होर्डिंग व बैनर-पोस्टर पर चुनाव आयोग सख्त, तुंरत हटवाने के दिए निर्देश

चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को गुमनाम और आरोप प्रत्यारोप वाले होर्डिंग व बैनर-पोस्टरों को तुंरत हटवाने के निर्देश दिए हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक दल और प्रत्याशी अपनी बात रखें दूसरे पर आरोप लगाने से बचें। होर्डिंग व बैनर-पोस्टर पर मुद्रक व प्रकाशक के नाम व संख्या अनिवार्य रूप दर्ज करने की व्यवस्था का भी कड़ाई से पालन होना चाहिए।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Published: Wed, 10 Apr 2024 11:45 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2024 11:45 PM (IST)
Lok Sabha Election 2024: गुमनाम और आरोप प्रत्यारोप वाले होर्डिंग व बैनर-पोस्टर पर चुनाव आयोग सख्त, तुंरत हटवाने के दिए निर्देश
Lok Sabha Election 2024: गुमनाम और आरोप प्रत्यारोप वाले होर्डिंग व बैनर-पोस्टर पर चुनाव आयोग सख्त (File Photo)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर मुहैया कराने में जुटे चुनाव आयोग ने बुधवार को देश भर में गुमनाम तरीके से लगाए जाने वाले आरोप प्रत्यारोप वाले होर्डिंग व बैनर-पोस्टर को लेकर कड़ी नाखुशी जताई है। साथ ही ऐसे कदमों को चुनाव को दूषित करने वाला कदम बताया है। आयोग ने इस संबंध में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों व मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को ऐसे होर्डिंग व बैनर- पोस्टरों को तुरंत हटवाने के निर्देश दिए है।

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सभी नगर निगमों को नोटिस जारी करने को कहा

आयोग ने यह कदम दिल्ली सहित कई राज्यों से ऐसे गुमनाम होर्डिंग व बैनर-पोस्टरों लगाए जाने को लेकर मिली शिकायतों के बाद उठाया है। आयोग ने एक-दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप वाले व बगैर मुद्रक-प्रकाशक के नाम के लगाए गए होर्डिंगों और बैनर-पोस्टरों को लोक प्रतिनिधित्व कानून 1951 और आदर्श चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन बताया और इस मामले में सभी नगर निगमों को नोटिस जारी करने को कहा है।

होर्डिंग लगाने से पहले अनुमति लेनी जरूरी

आयोग ने राज्यों के मुख्य सचिवों और राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को लिखे पत्र में देश भर के सभी नगर निगमों को इसके निर्देश देने को कहा है कि वह लोक प्रतिनिधित्व कानून के सेक्शन 127- ए का सख्ती से पालन कराए। जिसमें राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों को होर्डिंग लगाने से पहले उसकी अनुमति लेनी जरूरी होती है। इस दौरान होर्डिंग या बैनर-पोस्टर की भाषा और संदर्भ को जांचा जाता है।

प्रत्याशी अपनी बात रखें, आरोप लगाने से बचें

उसमें मुद्रक व प्रकाशक का नाम अनिवार्य रूप से दर्ज होना जरूरी होता है। ऐसा होने से उसका खर्च संबंधित पार्टी या फिर प्रत्याशी के खाते में जोड़ने में आसानी होती है। लेकिन जो होर्डिंग मिल रहे हैं वह अधिकतर गुमनाम हैं। चुनाव के दौरान एक- दूसरे दलों या प्रत्याशियों के खिलाफ तल्ख टिप्पणी न करने की हिदायत के बाद भी आयोग को लगातार ऐसी शिकायतों का सामना करना पड़ रहा है।

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