कमल नाथ की बढ़ी मुश्किलें, अमर्यादित टिप्पणी पर चुनाव आयोग ने 48 घंटे के अंदर मांगा जवाब
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भाजपा प्रत्याशी इमरती देवी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी कर बुरी तरह घिर गए हैं। चुनाव आयोग ने इस मामले में कमलनाथ को नोटिस जारी करके 48 घंटे के भीतर जवाब मांगा है।
नई दिल्ली, जेएनएन। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री और डबरा विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी इमरती देवी को लेकर जनसभा में अशोभनीय टिप्पणी के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ की मुसीबत बढ़ गई है। चुनाव आयोग ने भाषण के वीडियो का परीक्षण करने के बाद इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना है। निर्वाचन आयोग ने बुधवार को कमल नाथ को नोटिस जारी कर 48 घंटे के भीतर जवाब मांगा। साथ ही यह भी कहा कि जवाब नहीं दिए जाने पर आयोग अपने सख्त निर्णय लेगा।
भाजपा ने कमल नाथ के बिगड़े बोल को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। आयोग के सचिव मधुसुदन गुप्ता ने कमल नाथ को नोटिस जारी किया। इसमें कहा गया कि 29 सितंबर को उपचुनाव की घोषणा के साथ आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। इसके तहत कोई भी घृणा या तनाव फैलाने वाली चीजों को बढ़ावा नहीं देगा। निजी जीवन से जुड़ी चीजों को लेकर आलोचना नहीं की जाएगी। मध्य प्रदेश भाजपा ने 18 अक्टूबर को की गई शिकायत में कहा था कि डबरा में कमल नाथ ने जनसभा में इमरती देवी के लिए अशोभनीय टिप्पणी की थी।
उधर राष्ट्रीय महिला आयोग से भी एक शिकायत कमल नाथ के खिलाफ मिली है। मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने भी रिपोर्ट भेजी है। निर्वाचन आयोग ने वीडियो का परीक्षण करने पर भाषण को आचार संहिता का उल्लंघन पाया है। इससे इतर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने भी ग्वालियर प्रशासन से जांच रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने अपने पत्र में इस पूरी घटना का विवरण और अब तक की कार्रवाई पर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। चुनाव आयोग के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी जो रिपोर्ट मांगी थी वह भी भेज दी है।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर कमलनाथ के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करने को कहा था। आयोग ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को लिखे पत्र में कहा था कि कमलनाथ ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया वह एक महिला के आत्मसम्मान को चोट पहुंचाता है। ऐसे समय जब हम देश की राजनीति में महिलाओं की बढ़चढ़ कर भागीदारी चाह रहे हैं... एक जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा महिला नेता पर इस तरह की अभद्र टिप्पणी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हम कमलनाथ से इस पर जवाब मांगते हैं। सनद रहे कि कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी ने भी कमलनाथ के बयान की निंदा की है।
राहुल गांधी ने कमलनाथ के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा था कि वह इस तरह की भाषा पसंद नहीं करते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। महिलाएं हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर भाग ले रही हैं। हमें महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। इस तरह की भाषा का महिलाओं के लिए इस्तेमाल मुझे कतई पसंद नहीं है। बड़ी बात यह कि जब कमलनाथ से राहुल गांधी की नाराजगी पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने बीते दिनों कहा था कि अब वो राहुल जी की राय है। और उनको जो समझाया गया...! अब मैं क्यों माफी मांगूंगा, मैंने तो कह दिया कि मेरा लक्ष्य किसी का अपमान करना नहीं था।
यहां देखना यह होगा कि अब कमलनाथ चुनाव आयोग को क्या जवाब देते हैं। बीते दिनों कमलनाथ ने कहा था... मुझे नाम याद नहीं था। स्वाभाविक है कि सबके नाम याद नहीं रहते हैं। यह शब्द 'आइटम' लोकसभा-विधानसभा में आता है। आज कार्यक्रम में जाता हूं तो उसमें भी इसका इस्तेमाल होता है। फिर इसमें असम्मानित क्या है? वहीं शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कमलनाथ जी ने मध्य प्रदेश की एक बहन... एक बेटी इमरती देवी जो सरकार में मंत्री हैं। मेरी सरकार में नहीं आपकी सरकार (कांग्रेस सरकार) में भी मंत्री थी। उनके लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जिसे कोई भी सभ्य आदमी नहीं बोल सकता है।