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प्रत्याशी नहीं बनाए जाने से खड़से आहत, पंकजा बोलीं- नहीं हूं निराश, मेरे पास कहने को कुछ नहीं

भाजपा ने परिषद के चुनाव में पंकजा मुंडे और एकनाथ खड़से को टिकट नहीं दिया है। पंकजा ने कहा है कि वह इससे निराश नहीं हैं। जानें महाराष्‍ट्र में किस ओर जा रही सियासत...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 09 May 2020 06:32 PM (IST)Updated: Sun, 10 May 2020 02:10 AM (IST)
प्रत्याशी नहीं बनाए जाने से खड़से आहत, पंकजा बोलीं- नहीं हूं निराश, मेरे पास कहने को कुछ नहीं
प्रत्याशी नहीं बनाए जाने से खड़से आहत, पंकजा बोलीं- नहीं हूं निराश, मेरे पास कहने को कुछ नहीं

मुंबई, पीटीआइ। भाजपा नेता पंकजा मुंडे ने कहा है कि राज्य में होने जा रहे विधान परिषद के चुनाव में पार्टी द्वारा प्रत्याशी न बनाए जाने से वे निराश नहीं हैं। दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी व फड़नवीस सरकार में मंत्री रहीं पंकजा पिछले विधानसभा चुनाव में पराली सीट पर अपने चचेरे भाई और राकांपा प्रत्याशी धनंजय मुंडे से हार गई थीं। वहीं पार्टी सूत्रों की मानें तो वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से विधान परिषद के लिए प्रत्याशी न बनाए जाने से आहत हैं। महाराष्‍ट्र में क्‍या रहेगा सियासी रुख जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट...

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पंकजा बोलीं- नहीं हूं निराश

एक ट्वीट में पंकजा ने शुक्रवार को अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि हम लोग एक दूसरे का सहयोग करने के लिए हैं। हमारे साथ साहेब (गोपीनाथ मुंडे) का आशीर्वाद है। आप लोगों ने मेरी मां और बहन प्रीतम मुंडे को फोन करके अफसोस जताया है। मैंने आपसे बात नहीं क्योंकि मेरे पास कहने को कुछ नहीं है। मैं निराश नहीं हूं। मैं पार्टी द्वारा घोषित चार प्रत्याशियों को शुभकामनाएं देती हूं।

आहत हैं खड़से

पार्टी सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से विधान परिषद के लिए प्रत्याशी न बनाए जाने से आहत हैं। बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने विधान परिषद की नौ सीटों के लिए 21 मई को होने जा रहे चुनाव में पूर्व में राकांपा से सांसद रहे रंजीत सिंह मोहित, गोपीचंद पडालकर, प्रवीन दातके और अजित गोपछड़े को मैदान में उतारा है। इन लोगों ने शुक्रवार को अपना नामांकन कर दिया है। 288 सदस्यों वाली विधान सभा के सदस्य इन सीटों के लिए मतदान करेंगे।

इसलिए खास हैं ये चुनाव

एक अन्य खबर के अनुसार शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) दो-दो सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। 288 सदस्यीय सदन में दोनों के क्रमश: 56 व 54 सदस्य हैं। इस बार ये चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण क्योंकि राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी एक सीट पर जीतना जरूरी है। अभी वे किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। सीएम पद पर बने रहने के लिए उन्हें 27 मई तक किसी न किसी का सदस्य बनना जरूरी है।

कांग्रेस को एक सीट पर चुनाव लड़ने का मौका

कांग्रेस के 44 सदस्य हैं। उसे एक सीट पर चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा। लेकिन वह अन्य दलों के सहयोग से एक और सीट के लिए अपना प्रत्याशी उतारना चाह रही है। नामांकन की अंतिम तिथि 11 मई को होने के कारण सभी दलों के पास प्रत्याशी तय करने के लिए बहुत कम समय बचा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार राकांपा महाराष्ट्र इकाई के उपाध्यक्ष शशिकांत शिंदे और अमोल मितकारी को प्रत्याशी बनाने पर विचार कर रही है। 


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