पोटाश घोटाले में अग्रसेन गहलोत के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर ईडी ने कसा शिकंजा
ईडी ने कहा कि फिलहाल अग्रसेन गहलोत से पूछताछ चल रही है कि पोटाश घोटाले से बनाई गई 130 करोड़ रुपये की रकम कहां निवेश किया गया था।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पोटाश घोटाले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कस गया है। इस मामले में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करने के बाद ईडी ने अग्रसेन गहलोत से पूछताछ की और जोधपुर समेत छह स्थानों पर छापेमारी की। आरोप है अग्रसेन गहलोत ने सब्सिडी वाले सस्ते पोटाश को किसानों को देने के बजाय फर्जी दस्तावेजों के आधार पर निर्यात कर दिया था। इस मामले में संप्रग सरकार के दौरान ही 2013 में कस्टम विभाग ने अग्रसेन गहलोत पर 60 करोड़ रूपये का जुर्माना लगाया था।
कस्टम विभाग के प्रोसीक्यूशन कंप्लेंट दाखिल करने के बाद दर्ज हुआ मनी लांड्रिंग का केस
राजस्थान में मचे राजनीतिक घमासान के बीच मुख्यमंत्री के भाई के खिलाफ कार्रवाई के औचित्य के बारे में पूछे जाने पर ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कस्टम विभाग ने इसी महीने प्रोसीक्यूशन कंपलेंट दाखिल की थी। कस्टम विभाग के कंप्लेंट को चार्जशीट के समान माना जाता है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत आयात-निर्यात से जुड़े घोटाले में कस्टम विभाग के प्रोसीक्यूशन कंपलेंट दाखिल करने के बाद ही मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया जा सकता है और ईडी ने यही किया है।
अनुपम कृषि को सस्ते में मिला पोटाश किसानों के बजाय निर्यात के लिए सर्राफ इंपेक्स को दे दिया
आरोप है कि अग्रसेन गहलोत की कंपनी अनुपम कृषि पर राजस्थान में पोटाश खाद को रखने और उन्हें किसानों के बीच वितरित करने की जिम्मेदारी थी। इंडियन पोटाश लिमिटेड ने विदेश से पोटाश आयात कर सरकारी सब्सिडी के साथ सस्ते में अनुपम कृषि को दिया था, लेकिन अग्रसेन गहलोत इसे किसानों के लिए वितरित करने के बजाय निर्यात के लिए सर्राफ इंपेक्स को दे दिया।
अग्रसेन गहलोत ने गरीब किसानों के लिए आयातित 130 करोड़ की पोटाश निर्यातकों को दिया
कस्टम विभाग के अनुसार अग्रसेन गहलोत ने गरीब किसानों के लिए आयातित 130 करोड़ रुपये की 35 हजार मैट्रिक टन पोटाश निर्यातकों को दिया। साथ ही फर्जी दस्तावेज बनाकर दिखाया कि पोटाश को किसानों में वितरित कर दिया गया है।
संप्रग सरकार के दौरान कस्टम विभाग ने अग्रसेन गहलोत पर लगाया था 61 करोड़ का जुर्माना
अहम बात यह है कि केंद्र में संप्रग सरकार और राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार रहने के दौरान ही अग्रसेन गहलोत का घोटाला पकड़ा गया था। जांच के दौरान कस्टम विभाग ने पाया था कि इंडस्ट्रीयल साल्ट के नाम पर जो मलेशिया और ताइवान को निर्यात किया जा रहा है, वह असल में पोटाश है। जांच में इस पोटाश के राजस्थान से अग्रसेन गहलोत की कंपनी से आने के सबूत मिले। जाहिर है कस्टम विभाग ने सितंबर और दिसबंर 2013 में अग्रसेन गहलोत पर क्रमश: 10 करोड़ 92 लाख और 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा दिया।
ईडी ने कहा- अग्रसेन गहलोत से पूछताछ चल रही है
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फिलहाल अग्रसेन गहलोत से पूछताछ चल रही है और उनसे यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि पोटाश घोटाले से बनाई गई 130 करोड़ रुपये की रकम कहां निवेश किया गया था। उन्होंने कहा कि ईडी की पहली कोशिश 130 करोड़ रूपये की संपत्ति का पता लगाकर उन्हें जब्त करने की होगी। मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत ईडी को घोटाले की रकम को जब्त करने का अधिकार है।