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प्रणाली को तबाह या कमजोर नहीं करें, उसे बदलें : मुख्य न्यायाधीश

कुछ ऐसे तत्व हो सकते हैं जो संस्थान को कमजोर करने का प्रयास कर सकते हैं। लेकिन न्यायपालिका इसके वश में नहीं आएगी।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 15 Aug 2018 09:00 PM (IST)Updated: Thu, 16 Aug 2018 08:19 AM (IST)
प्रणाली को तबाह या कमजोर नहीं करें, उसे बदलें : मुख्य न्यायाधीश
प्रणाली को तबाह या कमजोर नहीं करें, उसे बदलें : मुख्य न्यायाधीश

नई दिल्ली, आइएएनएस। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा है कि किसी प्रणाली की आलोचना, उस पर हमला और उसे तबाह करना आसान है। लेकिन इसकी जगह उसमें बदलाव और सुधार का प्रयास किया जाना चाहिए।

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सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश मिश्रा ने बुधवार को कहा, 'कुछ ऐसे तत्व हो सकते हैं जो संस्थान को कमजोर करने का प्रयास कर सकते हैं।' लेकिन न्यायपालिका इसके वश में नहीं आएगी। मुख्य न्यायाधीश ने न्यायपालिका के भीतर और बाहर हो रही प्रतिकूल टिप्पणियों की ओर इशारा किया।

कार्यक्रम में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के संबोधन में नीति की पहचान के उल्लेख की ओर इशारा करते हुए जस्टिस मिश्रा ने कहा, 'मुझे खुशी है कि कानून मंत्री ने नागरिकों की पहचान के बारे में बात की है। यह पहचान मानववाद के विचार पर स्थापित होना चाहिए। यह बुनियादी रूप से संवैधानिक और वैधानिक है। हम कहां तक इस मार्ग पर चलेंगे यह भविष्य बताएगा।'

कानून मंत्री प्रसाद ने शासन के तीन अंगों के बीच स्वस्थ संतुलन का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश का शासन चुने हुए प्रतिनिधियों पर छोड़ा जाना चाहिए क्योंकि सुशासन और जवाबदेही एक साथ चलती है।


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