Move to Jagran APP

कनिमोझी का आयुष सचिव पर आरोप, 'हिंदी में संवाद नहीं कर पाने वालों को वेबिनार से जाने को कहा'

कनिमोझी ने आयुष सचिव पर आरोप लगाया है कि उन्‍होंने मंत्रालय के एक वेबिनार के दौरान हिंदी में संवाद नहीं कर पाने वाले प्रतिभागियों को सत्र को छोड़कर जाने के लिए कहा...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 22 Aug 2020 04:35 PM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 04:41 AM (IST)
कनिमोझी का आयुष सचिव पर आरोप, 'हिंदी में संवाद नहीं कर पाने वालों को वेबिनार से जाने को कहा'

नई दिल्‍ली, एएनआइ। द्रमुक सांसद कनिमोझी (Kanimozhi) ने एकबार फ‍िर भाषाई विवाद के मसले को उछाला है। कनिमोझी ने आयुष सचिव पर आरोप लगाया है कि अधिकारी (Union Secretary) ने मंत्रालय के एक वेबिनार के दौरान हिंदी में संवाद नहीं कर पाने वाले प्रतिभागियों को सत्र को छोड़कर जाने के लिए कहा था। द्रमुक सांसद (Kanimozhi) ने इस मामले की शिकायत करते हुए आयुष मंत्री श्रीपद नाईक (Shripad Naik) को एक चिट्ठी लिखी है। कनिमोझी ने अपनी शिकायत में मामले की जांच कराए जाने की भी मांग की है।

loksabha election banner

द्रमुक सांसद कनिमोझी (Kanimozhi) ने कहा कि मुझे बताया गया कि वेबिनार के दौरान गैर हिंदी भाषी डॉक्टरों को कथित तौर पर प्रशिक्षण सत्र छोड़कर जाने को कहा गया। कनिमोझी ने इस वाकया को गंभीर बताते हुए आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा को निलंबित किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा, इससे पता चलता है कि किस तरह हिंदी को थोपा जा रहा है। एक ट्वीट में कनिमोझी ने इसकी निंदा करते हुए कहा, 'सरकार सचिव को निलंबित करे और उचित अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करे। गैर-हिंदी भाषी वक्ताओं को बाहर करने का यह रवैया कब तक सहेंगे?' 

इससे पहले भी द्रमुक सांसद कनिमोझी (Kanimozhi) ने कथ‍ित भाषाई भेदभाव का मामला उछाला था। कनिमोझी ने आरोप लगाए थे कि हवाई अड्डे पर जब उन्‍होंने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की एक अधिकारी से तमिल या अंग्रेजी में बोलने को कहा था तब वह पूछ बैठी कि क्या आप भारतीय हैं। क्‍या आपको हिंदी नहीं आती है... इस कथित वाकया को उछालते हुए कनिमोझी ने ट्वीट कर पूछा था कि मैं जानना चाहूंगी कि कब से भारतीय होना हिंदी जानने के बराबर हो गया है यानी भारतीय होने के लिए हिंदी जानना जरूरी है... 

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने भी हिंदी को लेकर कथित सवाल के मामले में कनीमोझी का समर्थन किया था। चिदंबरम ने कहा था कि मुझे सरकारी अधिकारियों और आम लोगों से बातचीत के दौरान इसी तरह के अनुभव का सामना करना पड़ा है। टेलीफोन पर या आमने-सामने की बातचीत के दौरान उनका जोर रहता है कि मुझे हिंदी में ही बोलना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा था कि केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को दोनों भाषाओं की जानकारी होनी चाहिए। द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने भी कनीमोझी का समर्थन किया था। 

भाजपा ने कनीमोझी पर चुनावी फायदे के लिए भाषाई मसला उछालने का आरोप लगाया था। भाजपा महासचिव बीएल संतोष ने ट्वीट कर कहा था कि विधानसभा चुनाव अभी आठ माह दूर है, लेकिन प्रचार शुरू हो गया है। वहीं, सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कनिमोझी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि महिला अधिकारी से हुई आरंभिक पूछताछ में इनकी पुष्टि नहीं हुई। पूछताछ के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से बताया गया था कि उक्‍त अधिकारी ने वह शब्द नहीं कहे थे, जैसा कनिमोझी जिक्र कर रही हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.