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दिग्विजय सिंह को दी गई महाराष्ट्र कांग्रेस विधायकों को संभालने की जिम्मेदारी, सभी को यहां किया जा रहा शिफ्ट

दिग्विजय सिंह को महाराष्ट्र के सभी विधायकों को एकजुट रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है ताकि महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वासमत के दौरान भाजपा नेतृत्ववाली फडणवीस सरकार को हराया जा सके।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 10:35 PM (IST)Updated: Sun, 24 Nov 2019 12:32 AM (IST)
दिग्विजय सिंह को दी गई महाराष्ट्र कांग्रेस विधायकों को संभालने की जिम्मेदारी, सभी को यहां किया जा रहा शिफ्ट
दिग्विजय सिंह को दी गई महाराष्ट्र कांग्रेस विधायकों को संभालने की जिम्मेदारी, सभी को यहां किया जा रहा शिफ्ट

नई दिल्ली, आइएएनएस। महाराष्ट्र में सरकार गठन में भाजपा और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजीत पवार के कदम से अचंभित कांग्रेस अपने सभी विधायकों को महाराष्ट्र से दूर भोपाल शिफ्ट कर रही है ताकि किसी प्रकार की खरीद-फरोख्त की संभावना को खत्म किया जा सके।

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पार्टी नेताओं के मुताबिक, हमने अपने सभी विधायकों को कांग्रेस शासित राज्य मध्य प्रदेश भेजने का फैसला किया है। मध्य प्रदेश में हमारी सरकार है और कमलनाथ वहां मुख्यमंत्री हैं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को महाराष्ट्र के सभी विधायकों को एकजुट रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है ताकि महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वासमत के दौरान भाजपा नेतृत्ववाली फडणवीस सरकार को हराया जा सके।

सभी विधायक विश्वासमत के दौरान नई सरकार को हराने के लिए संकल्पबद्ध 

एएनआइ के मुताबिक पार्टी सूत्रों ने कहा कि हमारे दो विधायकों को छोड़कर सारे विधायक महाराष्ट्र में हैं। दो विधायक अपने गांव गए हुए हैं। सूत्रों ने दावा किया कि हमारे विधायक एकजुट हैं और वे नहीं टूटेंगे। सभी विधायक विश्वासमत के दौरान नई सरकार को हराने के लिए संकल्पबद्ध हैं। हम जल्द अपनी रणनीति तय करेंगे। हम महाराष्ट्र सरकार के गठन को राजनीतिक रूप के साथ-साथ कानूनी रूप से चुनौती देंगे।

बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के 24 अक्टूबर को परिणाम आने के बाद पार्टी ने अपने सभी विधायकों को कांग्रेस शासित एक अन्य राज्य राजस्थान के जयपुर में शिफ्ट कर दिया था जहां गांधी परिवार के विश्वासपात्र अशोक गहलोत मुख्यमंत्री हैं।

राज्य विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ही महाराष्ट्र में राजनीतिक ड्रामा चल रहा था। भाजपा ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 105 सीटें जीती हैं। शिवसेना ने 56 सीटें जीतीं, लेकिन भाजपा के साथ चुनाव लड़ने के बावजूद शिवसेना राज्य में अपना मुख्यमंत्री बनाने को लेकर अड़ गई जिससे राज्य में शुक्रवार तक सरकार का गठन नहीं हो पाया।


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