नए कृषि कानून पर दिग्विजय ने अपनी ही पार्टी को घेरा, बोले- मध्य प्रदेश के किसान भोले हैं, लेकिन कांग्रेस भी सो रहे
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने नए कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार को तो घेरा ही साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी को भी आड़े हाथों लिया। मध्य प्रदेश के किसान भोले भाले हैं लेकिन यहां के कांग्रेसी भी सो रहे हैं।
भोपाल, एएनआइ। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने नए कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार को तो घेरा ही, साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान इसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि उनके साथ अन्याय हो रहा है। मध्य प्रदेश के किसान भोले भाले हैं, लेकिन यहां के कांग्रेसी भी सो रहे हैं। उन्होंने पार्टी के लोगों से नए कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठाने की मांग करते हुए प्रदर्श में शामिल होने के लिए कहा।
प्रदेश में कांग्रेस पार्टी 28 दिसंबर को नए कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा का घेराव करने वाली है। इस दौरान सभी विधायक ट्रैक्टर से यहां पहुंचेंगे। इसके मद्देनजर विधानसभा के पांच किलोमीटर दायर के अंतरगत ट्रैक्टर समेत अन्य भारी वाहनों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दी है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि सरकार कुछ भी कर ले, वह उन्हें रोक नहीं पाएगी। पार्टी हमेशा किसानों के समर्थन में संघर्ष करती रही है और आगे भी यह जारी रखेगी। अरुण यादव ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि नए कानून किसान विरोधी हैं और खेती को बर्बाद कर देंगे। इसे सिर्फ व्यापारियों और बड़े उद्योगपतियों को फायदा होगा।
बता दें कि केंद्र और किसानों के बीच नए कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध जारी है। पिछले महीने 26 नवंबर से ही दिल्ली बॉर्डर पर किसान इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहें। किसानों मांग कर रहे हैं कि तीनों नए कानूनों को वापस ले लिया जाए। वहीं केंद्र सरकार बातचीत से मामले को हल करना चाहती है। दोनों के बीच कई दौर की वार्ता भी हो चुकी, लेकिन किसी का भी नतीजा नहीं निकल सका। सरकार का कहना है कि कृषि कानूनों से किसानों को फायदा होगा। वो उनकी हर गलतफहमी दूर करने के लिए तैयार है।