Rajyasabha Polls: ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा नामांकन पत्र पर दिग्विजय सिंह की आपत्ति
मध्यप्रदेश से राज्यसभा के लिए भाजपा प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया के नामांकन पत्र पर कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आपत्ति लगाई है।
राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्यप्रदेश से राज्यसभा के लिए भाजपा प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया के नामांकन पत्र पर कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आपत्ति लगाई है। इसी तरह, भाजपा के दूसरे प्रत्याशी डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी के नामांकन पत्र पर भी सरकारी सेवा से इस्तीफा देने को लेकर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराई है। इस पर मंगलवार को सुनवाई होगी।
मध्य प्रदेश में राज्यसभा की खाली हो रही तीन सीटें
मप्र से राज्यसभा की रिक्त हो रहीं तीन सीटों पर चुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा ने पांच नामांकन पत्र दाखिल कराए थे। कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी दिग्विजय सिंह और फूल सिंह बरैया के नामांकन पत्र जांच में सही पाए गए हैं। वहीं, भाजपा ने तीन नेताओं ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुमेरसिंह सोलंकी और रंजना बघेल के नामांकन दाखिल कराए थे। रंजना को छोड़कर भाजपा के अन्य दोनों प्रत्याशियों के नामांकनों पर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराई है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया पर क्या हैं आरोप
दिग्विजय सिंह ने सिंधिया के नामांकन पत्र को लेकर आरोप लगाया है कि उन्होंने आपराधिक प्रकरणों की पूरी जानकारी नहीं दी है।
सोलंकी की शिकायत
प्रदेश कांग्रेस के चुनाव कार्य प्रभारी जेपी धनोपिया की शिकायत है कि भाजपा के दूसरे प्रत्याशी सोलंकी ने 13 मार्च को नामांकन पत्र भरा था, लेकिन उनका इस्तीफा 14 मार्च को मंजूर हुआ। सोलंकी उच्च शिक्षा विभाग में सहायक प्राध्यापक थे और राज्यसभा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद 12 मार्च को इस्तीफा दिया था और उसे राज्य शासन ने 14 मार्च को स्वीकार किया। नामांकन पत्र दाखिल करने के समय वह सरकारी नौकरी में थे।
दिग्विजय ने सिंधिया पर कसा था तंज
सिंधिया के भाजपा में शामिल होने पर कुछ दिनों पहले दिग्विजय सिंह ने कहा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया लोकसभा चुनाव हारने के बाद व्यथित हो गए थे। उन्होंने कांग्रेस सरकार बनने के बाद सिंधिया को पार्टी द्वारा दिए गए प्रस्तावों के बारे में बताया। पूर्व सीएम ने बताया था कि प्रदेश कांग्रेस सरकार बनने के बाद सिंधिया को उप-मुख्यमंत्री पद का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन उन्होंने खुद डिप्टी सीएम बनने से इन्कार कर दिया। उन्होंने मंत्री तुलसीराम सिलावट को उप मुख्यमंत्री बनवाने की कोशिश की। कमलनाथ ने कहा था कि आपके अलावा दूसरे किसी नेता को उपमुख्यमंत्री नहीं बना सकता। इसके बाद सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया तो भी उन्होंने अपने समर्थक नेता को बनवाने के लिए नाम दे दिया था।