दिग्विजय ने कहा- कोरोना से ज्यादा खतरा बिगड़ती अर्थव्यवस्था से है, लॉकडाउन पर केंद्र की नीति स्पष्ट नहीं
दिग्विजय सिंह ने कहा कि बिना उद्योग-व्यापार के कोई देश आगे नहीं बढ़ सकता। बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल सकता।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कोरोना लॉकडाउन की समस्या से निपटने को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसकी नीति स्पष्ट नहीं है। सिंह ने कहा कि केंद्र व राज्य की गाइडलाइन तथा जिला प्रशासन के क्रियान्वयन के बीच सामंजस्य नहीं है। इससे उद्योग-व्यापार जगत असमंजस में है। सामंजस्य नहीं होने से छोटे व मध्यम उद्योग, व्यापार व सर्विस सेक्टर प्रभावित होंगे। ये ही सबसे ज्यादा रोजगार देते हैं।
दिग्विजय ने कहा- बिना उद्योग-व्यापार के कोई देश आगे नहीं बढ़ सकता
दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि बिना उद्योग-व्यापार के कोई देश आगे नहीं बढ़ सकता। बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल सकता। कोरोना बीमारी से जितना खतरा है उससे ज्यादा इससे बिगड़ती अर्थव्यवस्था से है। मगर दुख यह है कि इस समस्या से उबरने के लिए अभी तक केंद्र सरकार की ओर से कोई स्पष्ट नीति नहीं आई है। केंद्र-राज्य की गाइडलाइन व जिला प्रशासन के क्रियान्वयन के बीच सामंजस्य को लेकर केंद्र तथा राज्य सरकारों को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। जिला प्रशासन को भी उद्योग-व्यापार क्षेत्र के साथ संवेदनशील व्यवहार करना चाहिए क्योंकि छोटे व मध्यम व्यापारी ही अर्थव्यवस्था की बुनियाद हैं।
समय पर बंद नहीं की सब्जी की दुकान तो 71 साल के वृद्ध से लगवाई उठक-बैठक
मध्य प्रदेश के बैतूल में सड़क किनारे सब्जी बेच रहे 71 वर्षीय बुजुर्ग ने लॉकडाउन में तय समय सीमा में दुकान बंद नहीं की तो वन विभाग के डिप्टी रेंजर और नगर पालिका अमले ने उनसे 10 उठक-बैठक लगवाई। मामला रविवार का है। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद एसपी ने जांच के आदेश दिए हैं।
बैतूल नगर से सटे कोसमी में 71 साल के गजन वरकड़े ने साप्ताहिक बाजार में सड़क किनारे सब्जी की दुकान लगाई थी। लॉकडाउन में प्रशासन द्वारा चार घंटे सुबह सात से 11 बजे तक दुकानें खोलने की छूट दी गई थी लेकिन समय खत्म होने के बाद भी गजन सब्जी बेच रहे थे। इस दौरान डिप्टी रेंजर श्रीराम पिंपलकर और नगर पालिका बैतूल के राजस्व विभाग के कर्मचारी पहुंचे और उन्होंने दुकान खुली रखने के लिए वृद्ध को जमकर फटकार लगाई। साथ ही उठक-बैठक लगाने को कहा। वृद्ध ने पैरों और कमर में तकलीफ होने का हवाला दिया, लेकिन डिप्टी रेंजर नहीं माने और डंडे का डर दिखाकर 10 उठक-बैठक लगवाई।