दिग्विजय ने सिख समाज से माफी मांगी, खुद को सभी धर्मों का सम्मान करने वाला व्यक्ति बताया
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सिख तीर्थयात्रियों की तुलना दिल्ली स्थित तबलीगी मरकज की घटना से करने पर सिख समाज से माफी मांगी है।
भोपाल, स्टेट ब्यूरो)। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पंजाब में कोरोना संक्रमण फैलने को लेकर सिख तीर्थयात्रियों की तुलना दिल्ली स्थित तबलीगी मरकज की घटना से करने पर सिख समाज से माफी मांगी है। अपने आपको गांधीवादी और धार्मिक व्यक्ति बताते हुए उन्होंने कहा कि वे सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।
दिग्विजय कहा था- कोरोना वायरस संक्रमण के लिए किसी एक धर्म को दोष नहीं दिया जा सकता
दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्होंने तो केवल यह सवाल उठाया था कि कोरोना वायरस किसी धर्म को नहीं जानता। ट्वीट करते हुए उन्होंने सफाई दी कि वुहान के शिनचियोंजी चर्च में प्रार्थना के लिए लोगों के एकत्रित होना का मामला हो या निजामुद्दीन में तबलीगी मरकज या नांदेड़ में सिखों के जमा होने का मुद्दा हो। कोरोना वायरस संक्रमण के लिए किसी एक धर्म को दोष नहीं दिया जा सकता। इसे गलत समय और दुर्भाग्यपूर्ण कहा जा सकता है।
दिग्विजय ने कहा- यदि किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हों तो बिना शर्त माफी मांगता हूं
उनके द्वारा उठाए गए सवाल से किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं तो वे बिना शर्त माफी मांगते हैं। गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने रविवार को हजुर साहिब से लौटे सिख तीर्थयात्रियों के बाद पंजाब में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने पर एक ट्वीट में सिख तीर्थ यात्रियों की दिल्ली स्थित तबलीगी मरकज से तुलना का सवाल उठाया था।
आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदी ने जेल में काटा निजी अंग
मध्य प्रदेश के ग्वालियर की सेंट्रल जेल में बंद हत्या के दोषी और आजीवन कारावास की सजा काट रहे विष्णु राजावत ने मंगलवार सुबह निजी अंग काट लिया। बंदी ने कट्टन (चम्मच के ऊपरी हिस्से को घिसकर बनाया धारदार हथियार) से खुद को घायल किया है। घायल बंदी का कहना है कि उसके सपने में शिवजी आ रहे थे और उसे सब कुछ त्यागने का संदेश दे रहे थे। आशंका है कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है।
हत्या के मामले में दो साल पहले आजीवन कारावास की सजा हुई थी
भिंड निवासी 26 वर्षीय विष्णु राजावत को हत्या के मामले में दो साल पहले आजीवन कारावास की सजा हुई थी। आजीवन कारावास की सजा काटने के लिए बंदी को सेंट्रल जेल ग्वालियर भेज दिया था। भिंड से आने के बाद बंदी का व्यवहार सामान्य था। बंदी दैनिक दिनचर्या के बाद हाथ जोड़ने मंदिर जाता था। मंगलवार को विष्णु स्नान के बाद जेल में स्थित मंदिर गया। कुछ बंदियों ने उसे भगवान शिव के मंत्र का जाप करते हुए देखा। मंदिर से अचानक जय शंभू के जयघोष के साथ बंदी की चीख सुनाई दी। अन्य बंदी मौके पर पहुंचे तो विष्णु घायल पड़ा था। उसका निजी अंग कटा हुआ था। पास ही खून में सनी कट्टन पड़ी थी। घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।