धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिये शिक्षा में दुनिया का सिरमौर बनेगा भारत
शैक्षणिक गुणवत्ता को मजबूती देने के राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के प्रयासों की सराहना करने हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिये भारत दुनिया में शिक्षा का फिर से सिरमौर बनेगा।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। शैक्षणिक गुणवत्ता को मजबूती देने के राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के प्रयासों की सराहना करने हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिये भारत दुनिया में शिक्षा का फिर से सिरमौर बनेगा। इसके लिए नीति की सिफारिशों को पूरी तरह से अपनाना होगा, खासतौर पर स्कूली शिक्षा में इसके अमल में तेजी लानी होगी। वर्ष 2030 तक स्कूलों के सकल नामांकन अनुपात ( जीईआर) को सौ फीसद करने का लक्ष्य रखा गया है। जो सभी के सामूहिक प्रयासों से ही हासिल हो सकता है।
शिक्षा मंत्री ने नई शिक्षा नीति पर तेजी से अमल की जरूरत बताई
शिक्षा मंत्री प्रधान बुधवार को एनसीईआरटी के 61 वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को वर्चुअल तरीके से संबोधित कर रहे थे। एनसीईआरटी की 60 साल की लंबी यात्रा की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि जरूरत है कि परिषद नई शिक्षा नीति के अमल को रफ्तार दे और उसे बेहतर तरीके से लागू कराने में मदद करे। खासबात यह है कि नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली और शिक्षक शिक्षा से जुड़े सभी अहम बदलावों का जिम्मा एनसीईआरटी के ही कंधों पर है। इसको लेकर एनसीईआरटी तेजी से काम कर रही है। कार्यक्रम को केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार और राजकुमार रंजन सिंह ने भी संबोधित किया।
पाठ्यक्रम में आनलाइन-आफलाइन दोनों तरह की होगी सामग्री
एनसीईआरटी के निदेशक प्रोफेसर श्रीधर श्रीवास्तव ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत तेजी से स्कूली पाठ्यक्रम को तैयार करने का काम किया जा रहा। राष्ट्रीय पाठ्यक्रम का ढांचा तैयार किया जा रहा है। इसमें सभी राज्यों और संबंधित एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है। नए पाठ्यक्रम में आनलाइन और आफलाइन दोनों ही सामग्रियों को प्रमुखता से रखा जाएगा। प्री-प्राइमरी के लिए भी पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। इसे रुचिकर बनाने के लिए गे¨मग को प्रमुखता से शामिल किया जाएगा। इस मौके पर एनसीईआरटी सचिव मेजर हर्ष कुमार ने एनसीईआरटी की भावी योजनाओं की जानकारी दी।
स्कूल खोलने से पहले कर्मचारियों का सौ फीसद टीकाकरण पर जोर
देश में कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के साथ ही स्कूलों को खोलने का सिलसिला शुरू हो गया है। कोरोना से बच्चों को बचाने के लिए तमाम एहतियात बरते जा रहे हैं। बुधवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने अधिकारियों के साथ बैठकर हालात की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे सभी राज्यों में स्कूलों को खोलने से पहले सभी शिक्षकों और कर्मचारियों का शत प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने पर जोर दें। शिक्षा मंत्रालय पहले भी सभी राज्यों को सितंबर में इसे लेकर विशेष मुहिम चलाने का सुझाव दिया था। साथ ही इसे लेकर राज्यों को तय कोटे के अलावा वैक्सीन की दो करोड़ अतिरिक्त डोज भी उपलब्ध कराई गई हैं। गौरतलब है कि सितंबर से दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित ज्यादातर राज्यों में स्कूलों को खोल दिया गया है।