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DGP Meet: पीएम मोदी ने कहा- देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रभावी पुलिसिंग जरूरी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अधिकारियों को हर समय पुलिस की छवि निखारने के प्रयास करते रहना चाहिए।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 10:27 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 07:35 AM (IST)
DGP Meet: पीएम मोदी ने कहा- देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रभावी पुलिसिंग जरूरी
DGP Meet: पीएम मोदी ने कहा- देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रभावी पुलिसिंग जरूरी

नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में प्रभावी पुलिसिंग पर जोर दिया है, ताकि महिलाएं खुद को सुरक्षित और महफूज महसूस कर सकें। हाल के दिनों में महिलाओं के खिलाफ कुछ बड़ी आपराधिक घटनाओं को लेकर देश में पैदा हुए आक्रोश के बीच प्रधानमंत्री का यह पहला बयान सामने आया है।

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समाज में विश्वास जगाने के लिए पुलिस की छवि सुधारने के सतत प्रयास हों- पीएम

पुणे में पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षकों (आइजीपी) के 54वें सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अधिकारियों को हर समय पुलिस की छवि निखारने के प्रयास करते रहना चाहिए, ताकि महिलाओं और बच्चों समेत समाज के सभी वर्गो के बीच भरोसा बढ़ सके।

सक्रिय पुलिसिंग में तकनीक मददगार साबित हो सकती

प्रधानमंत्री दफ्तर से जारी बयान के मुताबिक पीएम मोदी का मानना था कि सक्रिय पुलिसिंग सुनिश्चित करने में तकनीक बहुत मददगार हो सकती है, जिसके जरिए आम लोगों का उसे फीडबैक मिलेगा।

हमेशा समाज के कल्याण की भावना मन में रख कर काम करें

तीन दिवसीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने माना कि पुलिस अधिकारियों के सामने रोज-रोज के कार्यों में तमाम तरह की मुश्किलों आती हैं। उन्होंने कहा कि जब कभी भी उनके सामने दुविधा की स्थिति पैदा हो तो वो उस आदर्श और भावना को याद करें, जिसके तहत उन्होंने पुलिस सेवा में आने और देशहित में काम करने का फैसला किया था। हमेशा समाज के सबसे कमजोर और गरीब वर्ग के कल्याण की भावना मन में रख कर काम करें।

गृहमंत्री ने आइपीसी और सीआरपीसी में बदलाव की प्रतिबद्धता जताई

इससे पहले, गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में आइपीसी और सीआरपीसी को देश के और अनुकूल बनाने के लिए उन्हें संशोधित करने के अपनी सरकार के दृढ़ निश्चय पर बल दिया था। इसके लिए गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) और अपराधी दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में आमूल-चूल बदलाव के लिए सुझाव भी मांगे हैं।

बदले की भावना से न्याय नहीं किया जाना चाहिए

बता दें कि 2012 के कुख्यात निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या कांड समेत घृणतम अपराधों में अपराधियों को दंड मिलने में देरी को लेकर देश के विभिन्न मंचों पर बहस छिड़ी हुई है। शायद यही वजह थी कि हैदराबाद में डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या और शव जलाने के आरोपी जब पुलिस मुठभेड़ में मारे गए तो ज्यादातर लोगों ने उसकी सराहना की थी। हालांकि, मुठभेड़ पर सवाल भी उठ रहे हैं। खुद देश के प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे ने दो दिन पहले राजस्थान में एक कार्यक्रम में कहा था कि अगर बदले की भावना से न्याय किया जाता है तो वह अपना मूल चरित्र खो देता है।

पुलिस स्मारक बनाने की योजना- केंद्रीय गृह राज्यमंत्री

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि लोगों में देशप्रेम की भावना मजबूत करने के लिए विभिन्न जिलों में अपना कर्तव्य निभाते हुए प्राण न्योछावर करने वाले पुलिसकर्मियों की याद में स्मारक की स्थापना की जाएगी। वह पुणे में पुलिस रिसर्च केंद्र में पुलिस स्मारक पर माल्यार्पण करने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे।


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