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अजित पवार के साथ महाराष्ट्र में फिर फडणवीस सरकार, NCP-शिवसेना ने किया पलटवार

BJP Master Stroke in Maharashtra Politics देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में फिर से सीएम पद की शपथ ली। अजित पवार भी महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बन गए हैं। हालांकि कई सवाल बरकरार हैं

By Nitin AroraEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 08:08 AM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 03:53 PM (IST)
अजित पवार के साथ महाराष्ट्र में फिर फडणवीस सरकार, NCP-शिवसेना ने किया पलटवार
अजित पवार के साथ महाराष्ट्र में फिर फडणवीस सरकार, NCP-शिवसेना ने किया पलटवार

नई दिल्ली, एजेंसियां। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में फिर से देवेंद्र फडणवीस ने शपथ ले ली। साथ में NCP के अजित पवार ने भी डिप्टी सीएम की शपथ ली। यह महाराष्ट्र की राजनीति में सबसे चौंकाने वाली तस्वीर साबित हुई। कांग्रेस-NCP-शिवसेना के बीच बनते गठबंधन के बीच यह एक बहुत बड़ी खबर थी। हालांकि, इस दौरान महाराष्ट्र में बनी फडणवीस सरकार पर NCP प्रमुख शरद पवार ने एक बयान देते हुए कहा कि वे अजित पवार के साथ नहीं हैं। सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देने का अजित पवार का निर्णय उनका व्यक्तिगत निर्णय है न कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का। इस बीच एनसीपी और शिवसेना ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की।

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NCP प्रमुख शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा कि भाजपा सरकार के साथ सिर्फ अजित पवार गए हैं, एनसीपी नहीं। उन्होंने कहा कि सुबह 6:30 बजे मुझे जानकारी मिली कि राज्यपाल अभी राजभवन में ही हैं और पता चला कि अजित पवार उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना अब भी सरकार बनाएगी। हमारे पास अब भी विधायकों की पर्याप्त संख्या है। उन्होंने कहा कि एनसीपी विधायक दल के नेता के रूप में अजित पवार के पास सभी पार्टी विधायकों का हस्ताक्षर था, लेकिन इतना तय है कि देवेंद्र फडणवीस सरकार अपना बहुमत साबित नहीं कर पाएगी।

शरद पवार ने दावा किया है कि अजित पवार ने राज्यपाल को एनसीपी विधायकों के समर्थन की जो सूची सौंपी है वह गलत है। शरद पवार बोले कि उनके विधायक उन्हीं के साथ हैं। एनसीपी और शिवसेना की प्रेसवार्ता में कांग्रेस शामिल नहीं हुई थी। वहीं, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकर ने कहा कि ये सब जो खेल हो रहा है, उस पर पूरे देश की नजर है। उन्होंने कहा, हम पर इल्जाम लगाया जा रहा है, लेकिन शिवसेना जो भी करती है डंके की चोट पर करती है। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की भावना पर 'सर्जिकल स्ट्राइक' हुई है।

170 विधायक हमारे पास

शरद पवार ने कहा, 'कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना, तीनों दलों के नेताओं ने एकसाथ बैठकर सरकार बनाकर निर्णय लिया था। तीनों पार्टी के नेता और उनके निर्वाचित विधायक एक साथ आए थे। कुछ निर्दलीय विधायकों ने भी हमारा समर्थन दिया था जिससे हमारी संख्या 169-170 तक पहुंच गई थी।' 

हालांकि, शुक्रवार देर शाम देवेंद्र फडणवीस राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास सरकार बनाने का दावा पेश करने पहुंचे थे। फडणवीस ने अपने पास 173 विधायकों के समर्थन होने का दावा किया। इस दावे में देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी के 54 विधायक और 14 निर्दलीय और अन्य विधायकों के समर्थन होने का दावा किया। अब शरद पवार ने साफ कर दिया है कि 30 नवंबर तक का समय है। भाजपा बहुमत साबित नहीं कर सकेगी।

अजीत पवार के फैसले का समर्थन नहीं करते

शरद पवार ने शनिवार सुबह कहा था कि हम अजित पवार के इस फैसले का समर्थन नहीं करते हैं। अजित पवार पर वरिष्ठ राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि यह राकांपा का निर्णय नहीं है और इसमें शरद पवार का भी कोई साथ नहीं है। हालांकि, पहले सूत्रों के हवाले से खबर मिली थी कि शरद पवार भी देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र सरकार के गठन के लिए हुई चर्चा का हिस्सा थे और उन्होंने ही महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम के रूप में अजित पवार के नाम पर सहमति दी थी। लेकिन अब खुद शरद पवार ने सामने आकर इसे खारिज कर दिया।

बड़ी बात यह भी है कि शनिवार को सुबह 5.47 बजे राष्ट्रपति शासन को हटा दिया गया था। इसके बाद भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के सीएम पद की शपथ ली और NCP के अजित पवार ने भी डिप्टी सीएम की शपथ ली। महाराष्ट्र में कांग्रेस-NCP और शिवसेना की नई सरकार बनने के संकेत देते हुए शुक्रवार को ही एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के नाम पर हामी भर दी थी, लेकिन अब NCP प्रमुख शरद पवार के बयान से साफ है कि अजित पवार के निर्णय से उनका कोई वास्ता नहीं हैं।

ठाकरे ने कहा था- शनिवार को करेंगे पत्रकारों से बात

कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना को मिलाकर बने नए गठबंधन 'महाविकास आघाड़ी' के शीर्ष नेताओं की शुक्रवार को हुई बैठक के बाद एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा था कि सरकार का नेतृत्व शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के हाथ में रहने पर सहमति बन गई है। अन्य सभी मुद्दों पर भी तीनों दलों के बीच चर्चा जारी है। बैठक के बाद उद्धव ठाकरे ने अपने नाम पर बनी सहमति पर कोई टिप्पणी करने से बचते हुए कहा कि शनिवार को पत्रकारों के सभी प्रश्नों के उत्तर एक साथ मिल जाएंगे।

विधानसभा चुनाव के बाद किसी भी दल द्वारा बहुमत के लिए आवश्यक 145 विधायकों की संख्या हासिल नहीं कर पाने के कारण महाराष्ट्र में 12 नवंबर को राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी थी, लेकिन उसके बाद से ही कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना एक नया गठबंधन बनाकर सरकार गठन की तैयारियों में लगे थे। हालांकि, शनिवार को जो तस्वीर साफ हुई है, उसे देख सब हैरान है। एक तरफ जहां शुक्रवार को NCP प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र के सीएम पद के लिए उद्धव ठाकरे का नाम आगे किया था, अब वही NCP के शरद पवार ने खुद को बिना पार्टी प्रमुख को जानकारी दिए भाजपा के साथ डट गए हैं।

भाजपा को मिली थीं सबसे ज्यादा सीटें

मालूम हो कि पिछला विधानसभा चुनाव महाराष्ट्र में दो गठबंधनों के बीच हुआ था। एक गठबंधन के मुख्य दल भाजपा और शिवसेना थे तो दूसरे गठबंधन के मुख्य दल कांग्रेस-एनसीपी, जिसमें भाजपा को सर्वाधिक 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें हासिल हुईं थी।

चुनाव परिणाम आने के बाद शिवसेना द्वारा ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग करने के कारण भाजपा के साथ उसका गठबंधन टूट गया। शिवसेना नेता चुनाव के पहले से ही यह दावा करते रहे हैं कि वह महाराष्ट्र में अपना मुख्यमंत्री बनाकर शिवसेना संस्थापक बालासाहब ठाकरे के सपनों को पूरा करेंगे। हालांकि, इसे लेकर शिवसेना ने कांग्रेस-एनसीपी के सहयोग से महाराष्ट्र में सरकार बनाना चाहा लेकिन भाजपा ने एक बड़ा उलटफेर करते हुए महाराष्ट्र में NCP प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार को लेकर सरकार बना ली है। 


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