आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का रोडमैप बनाने के लिए आज से शुरू होंगी विभागीय बैठकें
आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का खाका खींचने के लिए चार दिन वेबिनार के माध्यम से विषय विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श किया गया।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। 'आत्मनिर्भर भारत' की तर्ज पर 'आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश' का रोडमैप तैयार करने के लिए सोमवार से विभागीय बैठकों का सिलसिला शुरू होगा। मंत्री समूहों को 25 अगस्त तक प्रारूप प्रतिवेदन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपना है। इसके आधार पर वे नीति आयोग से परामर्श कर तीन साल के रोडमैप को अंतिम रूप देंगे। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपकर एक सितंबर से लागू किए जाने की तैयारी है।
'आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश' का खाका खींचने के लिए चार दिन वेबिनार के माध्यम से विषय विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श किया गया। इसमें आए सुझावों को अंतिम रूप देते हुए प्रारूप तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री ने चार समूह (भौतिक अधोसंरचना, सुशासन, अर्थव्यवस्था एवं रोजगार और शिक्षा एवं स्वास्थ्य) बनाए हैं।
भौतिक अधोसंरचना और सुशासन समूह की प्रारंभिक बैठकें 14 अगस्त को हो चुकी हैं। रोडमैप में वार्षिक, अर्द्धवार्षिक और तिमाही लक्ष्य तय किए जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी मंत्रियों को विभागवार कार्ययोजना अगस्त अंत तक तैयार करने के लिए कहा है। वे सितंबर से एक-एक विभाग की विस्तृत समीक्षा भी करेंगे।
बताया जा रहा है कि सोमवार से विभाग अपने स्तर पर तीन साल का रोडमैप तैयार करेंगे। मंगलवार को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के रोडमैप की तैयारियों पर चर्चा की जाएगी।
पर्यटन का बढ़ावा
बता दें कि कुछ दिन पहले वेबिनार में शामिल होते हुए सीएम चौहान ने कहा था कि मध्य प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए 'बफर में सफर' के सुझाव पर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। धार्मिक पर्यटन के लिए महाकालेश्वर, रामराजा मंदिर, दतिया, मैहर, सलकनपुर आदि का पर्यटन की दृष्टि से विकास किया जाएगा। नर्मदा पथ एवं राम वनगमन पथ को भी विकसित किया जाएगा।
इस दौरान शिवराज चौहान ने कहा था कि प्रदेश में 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' पर प्रभावी तरीके से अमल होगा। हम किसी भी उद्यमी से कह सकेंगे कि 'स्टार्ट यॉर बिजनेस इन 30 डेज'। एमएसएमई को एकीकृत किया जाएगा। मुख्यमंत्री दक्षता संवर्धन योजना पर भी कार्य किया जाएगा।