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राज्य में फिर तेज हुई जातीय जनगणना की मांग, आजसू की हेमंत सरकार को नसीहत

Ranchi News पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने नीतिगत मामले के तौर पर पिछले साल ही फैसला किया है कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों

By Madhukar KumarEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 08:47 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 08:47 PM (IST)
राज्य में फिर तेज हुई जातीय जनगणना की मांग, आजसू की हेमंत सरकार को नसीहत
राज्य में फिर तेज हुई जातीय जनगणना की मांग, आजसू की हेमंत सरकार को नसीहत

रांची, राज्य ब्यूरो। आजसू पार्टी ने राज्य में जातीय जनगणना कराने की स्वयं पहल करने की मांग राज्य सरकार से की है। पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने नीतिगत मामले के तौर पर पिछले साल ही फैसला किया है कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के अलावा कोई जातीय जनगणना नहीं होगी।

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जातीय जनगणना कराने की स्वयं पहल करे राज्य सरकार : सुदेश

ऐसी परिस्थिति में राज्य सरकार को अपने स्तर पर जातीय जनगणना कराने की सीधी पहल करनी चाहिए। सुदेश ने कहा है कि जनगणना नीतियां बनाने का एक प्रमुख आधार है तथा जातीय आंकड़े आरक्षण की सीमाएं तय करने में भी अहम भूमिका निभाती हैं। झारखंड में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण बढ़ाने की मांग जातीय आबादी के दावे के साथ सालों से उठती रही है। कहा है कि जनगणना जातीय आधारित होने पर वास्तविक जरूरतमंदों को सरकारी योजना और कल्याणकारी कार्यक्रमों का लाभ भी ज्यादा मिल सकता है।


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