संसद में दिख रहा दिल्ली चुनाव का रंग, आप सासंद संजय सिंह ने उठाया निर्भया का मुद्दा
सभापति वैंकेया नायडू ने सदन में साफ किया कि इसे विवाद का विषय नहीं बनाया जाना चाहिए। यह बेहद संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनावों में मचे घमासान की गूंज मंगलवार को संसद में भी सुनने को मिली। राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने निर्भया के दोषियों की फांसी में देरी का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की और दोषियों को तत्काल फांसी देने की मांग की।
उन्होंने सभापति से भी हस्तक्षेप करने की मांग की। इस पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने पलटवार किया और कहा कि फांसी में देरी के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। जेल प्रशासन उनके अधीन है। जिसने इस मामले को सवा साल तक लटका कर रखा था।
सभापति ने कहा, इसे विवाद का विषय न बनाएं
हालांकि राज्यसभा में जब यह मुद्दा उठाया गया था, उसी समय सभापति वैंकेया नायडू ने साफ किया था, कि इसे विवाद का विषय नहीं बनाया जाना चाहिए। यह बेहद संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दा है। देश भर के लोगों ने इसे लेकर आंदोलन किया है। फांसी में किसकी वजह से देरी हुई, इसके कारणों में वह नहीं जाना चाहते है, लेकिन जो भी इससे संबंधित लोग है, उन्हें अपने दायित्व को सही समय पर निभाना बहुत जरुरी है।
राज्यसभा में जब यह मुद्दा उठाया गया, तो सदन के ज्यादातर सदस्यों ने दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दिए जाने की मांग का समर्थन किया। खासबात यह है कि निर्भया के दोषियों की अब तक दो बार फांसी की तारीखें टाली जा चुकी है। अंतिम बार इन्हें एक फरवरी को फांसी की सजा दी जानी थी। लेकिन बाद में इसे तारीख को टाल दिया गया।
कोरोना वायरस और टिड्डियों के हमलें का भी उठा मुद्दा
राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान कोरोना वायरस का भी मुद्दा उठा। केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश से आने वाले कई सांसदों ने इस मुद्दे को उठाया और सरकार से हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने की मांग भी की। सबसे पहले इस मुद्दे को एमडीएमके सांसद वाइको ने उठाया। उन्होंने केंद्र सरकार से इसे लेकर जरूरी कदम उठाने की मांग की।
वहीं, भाजपा सासंद किरोड़ी लाल मीणा ने राजस्थान में टिड्डियों के हमले से खराब हो गई फसलों का मुद्दा उठाया और सरकार ने किसानों को मुआवजा देने की मांग की। हालांकि केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने इसका जवाब दिया और कहा कि सरकार इस समस्या से पूरी तरह से वाकिफ है। उसकी सतर्कता का ही परिणाम था कि हमने इस बार इन्हें भारत की सीमा पर ही नष्ट कर कर दिया। इन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया। अगले साल में इसे लेकर दुनिया के और भी देशों के साथ इसकी तैयारी करेंगे, ताकि जहां से यह शुरु होती है, वहीं इन्हें नष्ट कर दिया जाएगा। इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ भी मदद कर रहा है।