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फ्रांस में अंबानी की कंपनी को कर छूट की रिपोर्ट पर सियासी घमासान, रक्षा मंत्रालय बोला- राफेल सौदे से जोड़ना गलत

फ्रांस में अंबानी की कंपनी को कर छूट की रिपोर्ट पर मचे सियासी घमासान के बीच रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि इसे राफेल सौदे से जोड़ना गलत है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 06:44 PM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 07:30 PM (IST)
फ्रांस में अंबानी की कंपनी को कर छूट की रिपोर्ट पर सियासी घमासान, रक्षा मंत्रालय बोला- राफेल सौदे से जोड़ना गलत
फ्रांस में अंबानी की कंपनी को कर छूट की रिपोर्ट पर सियासी घमासान, रक्षा मंत्रालय बोला- राफेल सौदे से जोड़ना गलत

नई दिल्‍ली, एजेंसी। उद्योगपति अनिल अंबानी की फ्रांस स्थित कंपनी को फ्रांसीसी सरकार से कर छूट मिलने की मीडिया रिपोर्ट पर मचे सियासी घमासान के बीच रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि इस मामले को राफेल विमान सौदे को जोड़ना गलत और शरारती कोशिश है। दरअसल, फ्रांसीसी अखबार 'ले मोंदे' की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राफेल डील की घोषणा के बाद फ्रांस ने अनिल अंबानी की कंपनी के 14.37 करोड़ यूरो के टैक्स को माफ किया था।  

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'ले मोंदे' की रिपोर्ट आने के बाद मचे सियासी घमासान के बीच रक्षा मंत्रालय ने भी अपना बयान जारी किया। बयान में मंत्रालय ने कहा कि हमने फ्रांस में एक निजी कंपनी को कर में छूट देने से संबंधी रिपोर्ट देखी है। ना तो उक्‍त निजी कंपनी को कर में रियायत देने की अवधि का ना ही कथित कर छूट के मुद्दे का राफेल डील से दूर दूर तक कोई संबंध नहीं है।

फ्रांसीसी अखबार 'ले मोंदे' ने शानिवार को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत द्वारा 36 राफेल विमानों की खरीद की घोषणा के बाद ही साल 2015 में फ्रांस सरकार ने भी रिलायंस कम्‍यूनिकेशन की फ्रांस में पंजीकृत कंपनी के 14.37 करोड़ यूरो के टैक्‍स को माफ किया।

कांग्रेस ने मोदी सरकार पर बोला हमला 
फ्रांसीसी अखबार 'ले मोंदे' की यह रिपोर्ट आते ही कांग्रेस ने एकबार फ‍िर मोदी सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस प्रवक्‍ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि रिपोर्ट से जाहिर होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनिल अंबानी के लिए बिचौलिए का काम कर रहे थे। सुरजेवाला ने सवाल उठाया, ''फ्रांस में कितनी अन्य कंपनियों को टैक्‍स में छूट मिली है? क्या यह विमान की खरीद के लिए दी गई छूट नहीं है? यह स्‍पष्‍ट है कि चौकीदार ही चोर है।'' 

रिलायंस कम्‍यूनिकेशन ने कहा, कानूनी दायरे में निपटाया टैक्‍स विवाद
रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया में रिलायंस कम्‍यूनिकेशन ने कहा कि उक्‍त टैक्‍स (14.37 करोड़ यूरो) की मांग अनुचित थी। इस कर विवाद को फ्रांस के कानूनी दायरे में निपटाया गया था। यह कानूनी सहूलियत फ्रांस में कारोबार करने वाली सभी कंपनियों के लिए उपलब्ध है। 


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