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रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से 73000 असॉल्ट राइफलों की खरीद को दिखाई हरी झंडी

चीन और पाकिस्तान सीमा पर तैनात सेना के जवानों को अमेरिका में बनी इन अत्याधुनिक राइफलों को दी जाएंगी।

By Tilak RajEdited By: Published: Sat, 02 Feb 2019 03:56 PM (IST)Updated: Sun, 03 Feb 2019 01:19 AM (IST)
रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से 73000 असॉल्ट राइफलों की खरीद को दिखाई हरी झंडी
रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से 73000 असॉल्ट राइफलों की खरीद को दिखाई हरी झंडी

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। देश के रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से लगभग 73,000 अत्याधुनिक राइफलें खरीदने के प्रस्‍ताव को हरी झंडी दिखा दी है। सूत्रों की मानें तो लगभग एक सप्‍ताह में भीतर इस पूरे सौदे को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। यह प्रस्ताव लंबे समय से अटका हुआ था। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, इस हथियार सौदे को फास्ट ट्रैक मोड पर अंतिम रूप दिया जा रहा है और अगले साल तक राइफलें जवानों के हाथों में होंगी। इन्हें इंसास राइफल से रिप्लेस किया जाएगा।

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बताया जा रहा है कि चीन और पाकिस्तान सीमा पर तैनात सेना के जवानों को अमेरिका में बनी इन अत्याधुनिक राइफलों को दी जाएंगी। न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिग साउर राइफल की खरीद को मंजूरी दे दी है। ये राइफलें चीन से लगी 3600 किलोमीटर लंबी सीमा पर तैनात जवानों को दी जाएंगी। ऐसी ही राइफलें का इस्तेमाल अमेरिका और कई यूरोपीय देशों की सेनाएं कर रही हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि सिर्फ एक सप्‍ताह में इस हथियार सौदे को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। इसके एक साल के अंदर अमेरिकी फर्म इन्हें भारत को उपलब्ध करा देगी। सेना के सूत्रों के मुताबिक, नई राइफलें इंसास की जगह शामिल की जाएंगी। अक्टूबर, 2017 में सेना ने 7 लाख राइफल, 44,000 लाइट मशीन गन (एलएमजी) और 44,660 कारबाइन खरीदने की प्रक्रिया शुरू की थी।

करीब 18 महीने पहले सेना ने स्वदेशी असॉल्ट राइफल को दरकिनार कर दिया था। यह राइफल फायरिंग टेस्ट पास नहीं कर पाई थी। इसके बाद सेना ने विदेशी कंपनियों से राइफलें खरीदने की मांग की थी। सूत्रों का कहना है कि सेना को अपनी इंसास राइफलों को बदलने के लिए लगभग 7 लाख 7.62x51 मिमी असॉल्ट गन की जरूरत है। 


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