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पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रति बढ़ा पेशवर युवाओं में क्रेज

कांग्रेस प्रवक्ता आरपीएन सिंह पेशेवरों की टिकट मांगने में बढ़ी रूचि पर कहते हैं कि यह युवाओं के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मोहभंग होने का साफ संकेत है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 20 Oct 2018 08:24 PM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 12:25 AM (IST)
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रति बढ़ा पेशवर युवाओं में क्रेज
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रति बढ़ा पेशवर युवाओं में क्रेज

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार तय करने में जुटी कांग्रेस अपने टिकट दावेदारों में पेशेवर युवाओं की बढ़ी दिलचस्पी से उत्साहित है। इन पांचों राज्यों खासकर राजस्थान, मध्यप्रदेश और तेलंगाना जैसे सूबों से आईआईटी ग्रेजुएट, डाक्टर और सिविल सेवा परीक्षा में इंटरव्यू तक पहुंच चुके पेशेवर युवा चुनाव मैदान में उतरने के लिए कांग्रेस का टिकट मांग रहे हैं।

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इन पांचों राज्यों से दर्जनों पेशेवर युवाओं ने कांग्रेस के टिकट के लिए आवेदन किया है और अब अपनी उम्मीदवारी की लाबिंग के लिए खुद ही मैदान में उतर पड़े हैं। चुनाव में उतरकर राजनीतिक पारी का आगाज करने की इस जोर आजमाइश में कुछ पेशेवरों ने उम्मीदवारों के पैनल में अपनी जगह भी बना ली है और अंतिम सूची मंे आने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं।

चुनावी पारी के जरिये राजनीति में दाखिल होने को तैयार ये युवा पेशेवर राज्यों के प्रभारी कांग्रेस महासचिवों से अपनी दावेदारी के पक्ष में राहुल गांधी के प्रोफेशनल्स के सियासत में आने की अपील का हवाला भी दे रहे हैं। आईआईटी खड़गपुर से पास आउट विवेक सिंह राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समक्ष अपनी दावेदारी जाहिर करते हुए पेशेवरों के लिए पार्टी का दरवाजा खोलने की राहुल की बातों का हवाला देते हैं। साथ ही सामाजिक समीकरण के लिहाज से भी टिकट मिलने पर सीट जीतने का दावा भी करते हैं।

राजस्थान के धौलपुर जिले की बसेड़ी विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे विवेक ब्रिटेन की एक मल्टीनेशनल कंपनी में दो साल काम करने के बाद सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे हैं और दो बार इंटरव्यू तक पहुंच चुके हैं। बेहतर प्रोफेशनल कैरियर हाथ में होने के बाद भी राजनीति की अनिश्चित राह पर आने के जोखिम के सवाल पर विवेक कहते हैं कि उनका पूरा परिवार प्रशासनिक सेवा में है। इसीलिए उनका करीबी अनुभव है कि राजनीतिज्ञ ही वास्तविक बदलाव का सबसे मजबूत स्तंभ है और इस वजह से वह सियासत में आने को इच्छुक हैं।

मध्यप्रदेश के हरदा जिले की एक विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे इंजीनियरिंग ग्रेजुएट कमल धुर्वे भी कुछ ऐसी ही राय जाहिर करते हैं।

राजस्थान के युवा एमबीबीएस डाक्टर अली और इंजिनियरिंग के साथ एमबीए करने वाली अनुजा विशनोई भी ऐसे ही टिकट दावेदारों में शामिल हैं।

छत्तीसगढ और तेलंगाना की कांग्रेस स्क्रीनिंग कमिटी के प्रमुखों ने भी इस बात की पुष्टि की कि यहां से भी कई पेशेवरों ने टिकट के लिए गंभीर दावेदारी की है।

कांग्रेस के टिकट को लेकर बढ़ी इस रुचि को पार्टी रणनीतिकार अच्छा संकेत मान रहे मगर उनकी दुविधा यह भी है कि नेताओं-कार्यकर्ताओं की टिकट दावेदारी में नये लोगों पर दांव लगाने का जोखिम लेना आसान नहीं है।

कांग्रेस प्रवक्ता आरपीएन सिंह पेशेवरों की टिकट मांगने में बढ़ी रूचि पर कहते हैं कि यह युवाओं के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मोहभंग होने का साफ संकेत है। उनके अनुसार पढे़-लिखे युवाओं को इस बात का अहसास हो गया है कि कांग्रेस की नीतियां और विचाराधारा ही देश की प्रगति के लिए सबसे सही रास्ता है।

आरपीएन इसे राहुल गांधी की सभी क्षेत्र के पेशेवर युवाओं से राजनीति में आने की अपील का भी असर मानते हैं और कहते हैं कि जहां संभव होगा नये चेहरों को पार्टी मौका देने से परहेज नहीं करेगी।


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