Parliament Monsoon Session: महामारी के कारण विदेशों में भारतीय दूतावास की पोस्टिंग प्रभावित
कोविड-19 के कारण दूसरे देशों में स्थित भारतीय दूतावास पर गंभीर प्रभाव हुआ है।
नई दिल्ली, एएनआइ। संसद का मानसून सत्र जारी है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि कोविड-19 महामारी ( COVID-19) के कारण अन्य देशों में मौजूद भारतीय दूतावासों पर पड़ा है। साथ ही यह भी जानकारी दी गई कि वंदे भारत मिशन या अंडर बबल समझौते के तहत अपने अधिकारियों तक सुविधा पहुंचाने का प्रयास भी किया गया। दूसरे देशों में भारतीय दूतावास में रिक्त पद के बारे में सवाल पर राज्यसभा में विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने बताया कि विदेशों में भारतीय दूतावास में राजनयिक और कंसुलर स्तर रिक्त पदों की निश्चित संख्या बताना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि विदेशों में जब भारतीय दूतावास में कोई पद सृजित होता है तब इसे भरने में समय लगता है। इन पदों पर नियुक्ति करने के लिए UPSC ( Union Public Service Commission ) के जरिए चुनाव किया जाता है। बता दें कि 14 सितंबर से संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ है जो 1 अक्टूबर तक चलेगा।
विदेश राज्यमंत्री ने बताया, 'दूसरे देशों के भारतीय दूतावासों में राजनयिक व कंसुलर स्तर पर वैकेंसी की नियमित तौर पर समीक्षा की जाती है और अधिकारियों को नियुक्त किया जाता है। कोविड-19 के कारण इस प्रक्रिया में देरी हुई और इसलिए खाली पदों की निश्चित संख्या बताना मुश्किल है।' मार्च में ही वैश्विक महामारी कोविड-19 के मद्देनजर भारत समेत विभिन्न देशों में सख्त लॉकडाउन लागू किया गया और मूवमेंट पर रोक लगा दी गई।
बता दें कि पिछले साल के अंत में कोविड-19 का पहला केस चीन के वुहान में सामने आया था जिसके बाद यह घातक वायरस पूरी दुनिया में फैल गया और 11 मार्च को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर दिया। इसके बाद दुनिया के तमाम देशों ने अपनी सीमाएं बंद कर लॉकडाउन लागू कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि भारत आतंकवाद के हर रंग-रूप की निंदा करता है। विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा, '14,12,835 भारतीय नागरिकों को वंदे भारत मिशन के माध्यम से स्वदेश लाया गया है। यह प्रक्रिया अब भी जारी है।'