राजस्थान में नई सरकार चुनने के लिए 199 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना आज
मतगणना में पूर्ण निष्पक्षता के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अपनाई जा चुकी मैंडेटरी वैरीफिकेशन पद्धति को भी लागू किया जाएगा।
जयपुर, नईदुनिया ब्यूरो। राजस्थान में नई सरकार चुनने के लिए पड़े 3.52 करोड़ से ज्यादा वोट गिनने का काम मंगलवार सुबह आठ बजे से शुरू हो जाएगा। प्रदेश भर के 35 मतगणना केंद्रों पर 20 हजार कर्मचारी ये वोट गिनेंगे। राजस्थान के निर्वाचन विभाग ने मतगणना की तैयारी पूरी कर ली है। प्रदेश की 200 में से 199 विधानसभा सीटों के लिए पड़े वोटों की गिनती जयपुर व जोधपुर में दो-दो केंद्रों पर तथा शेष 31 जिलों में एक-एक केंद्र पर की जाएगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी आनंद कुमार ने बताया मतगणना स्थल और उसके आस-पास के क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मतगणना स्थल पर प्रवेश के लिए त्रि-स्तरीय सुरक्षा की व्यवस्था की गई है।
सबसे पहले डाक मतपत्र की होगी गिनती
आनंद कुमार ने बताया कि मतगणना की शुरुआत डाक मतपत्रों की गिनती से होगी। उसके बाद ईवीएम से गणना की जाएगी। राज्य में पहली बार सेवा नियोजित कर्मचारी के जो ई- पोस्टल बैलेट प्राप्त हुए हैं उनकी क्यूआर कोड के माध्यम से सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। इनकी गणना आयोग के स्पेशल सॉफ्टवेयर क्यू आर कोड स्कैनर के माध्यम से की जाएगी। इसके जरिए सही पाए जाने वाले ई पोस्ट बैलेट को मतगणना में शामिल किया जाएगा।
350 सार्वजनिक स्थलों पर दिखेगा रुझान और परिणाम
सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के सहयोग से पहली बार राज्य के सभी सार्वजनिक स्थलों पर लगी हुई लगभग 350 एलईडी स्क्रीनों पर भी मतगणना के रुझान और परिणाम प्रदर्शित किए जाएंगे। इसके अलावा मतगणना के रुझान और परिणामों की नवीनतम जानकारी निर्वाचन विभाग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध रहेगी। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र की मतगणना के हर राउंड के बाद रुझान मतगणना केंद्रों से सीधे ही वेबसाइट पर अपलोड किए जाएंगे।
वेबसाइट में जिलेवार, विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी के साथ-साथ प्रत्येक उम्मीदवारों को मिले मतों की जानकारी भी उपलब्ध रहेगी। उन्होंने बताया कि वेबसाइट पर प्रत्येक राउंड, प्रत्येक उम्मीदवार को मिले मतों, विजयी उम्मीदवार और निकटतम प्रतिद्वंद्वी को मिले मतों, हार जीत के अंतर सहित समस्त जानकारी की सूचनाओं को समाहित किया गया है।
मैंडेटरी वैरीफिकेशन पद्धति होगी लागू
मतगणना में पूर्ण निष्पक्षता के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अपनाई जा चुकी मैंडेटरी वैरीफिकेशन पद्धति को भी लागू किया जाएगा। इसमें पूरी मतगणना के बाद प्रत्येक विधानसभा के मतदान केंद्रों से रेंडमली एक-एक वीवीपैट का चयनकर उसकी पर्चियों की गणना कर, ईवीएम से प्राप्त मतों से मिलान किया जाएगा।
गौरतलब है कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावों में भी यह प्रयोग आजमाया जा चुका है। इस बीच सोमवार को श्रीगंगानगर जिले की करणपुर विधानसभा सीट के बूथ संख्या 163 पर पुनर्मतदान हुआ, जिसमें 86.92 प्रतिशत वोटिंग हुई।