देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों पर कांग्रेस ने कहा- सरकार ने जनता को उसके हाल पर छोड़ा
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जिस तेजी से संक्रमण फैल रहा उसे देखते हुए कोरोना के कम्युनिटी ट्रांसमिशन स्टेज में पहुंचने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना के तेजी से बढ़ रहे संक्रमण से बन रहे हालात को बेहद चिंताजनक करार देते हुए कांग्रेस ने कहा कि सरकार इस पर काबू करने में नाकाम साबित हुई है। इसी नाकामी के चलते कोरोना मरीजों की संख्या के मामले में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। पार्टी ने दावा किया कि कोरोना से लड़ने के लिए सरकार के पास न तो कोई दृष्टि है और न ही वैज्ञानिक नजरिया, उसने जनता को उनके हाल पर छोड़ दिया है।
कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जिस तेजी से संक्रमण फैल रहा उसे देखते हुए कोरोना के कम्युनिटी ट्रांसमिशन स्टेज में पहुंचने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे में भारत में कोरोना संक्रमण के करीब 90 हजार केस आए हैं जबकि अमेरिका व ब्राजील में इसके आधे केस भी नहीं आए।
सुरजेवाला ने कहा कि प्रतिदिन कोरोना मृत्यु दर में भी भारत पहले नंबर पर पहुंच गया है। इसी तरह संक्रमित लोगों की संख्या 29 दिन में दोगुनी हो रही है जो दुनिया में सबसे अधिक है। सक्रिय कोरोना संक्रमण मामलों में भी भारत दूसरे नंबर पर पहुंच गया है।
राहुल गांधी ने पहले ही किया था आगाह
कांग्रेस नेता ने कहा कि राहुल गांधी ने फरवरी और मार्च के महीने में सरकार को कोरोना के स्वास्थ्य और आर्थिक कहर को लेकर आगाह किया था, मगर तब इस चिंता को सरकार के मंत्रियों ने ही नकार दिया था। सुरजेवाला ने कहा कि कोरोना के मौजूदा गंभीर होते हालातों से देश को कैसे उबारेंगे, इस सवाल का प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए क्योंकि यह वायरस अब छोटे शहरों और गांवों में भी फैल रहा है।
विशेषज्ञों के आकलन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो दिसंबर तक देश में कोरोना मरीजों की संख्या 1.40 करोड़ तक पहुंच सकती है। सुरजेवाला ने कहा कि संक्रमण इस आंकड़े तक पहुंचा तो दिसंबर तक कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या 1,75,000 तक जा सकती है। सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में कोरोना कैपिटल बन गया है। इसकी रोकथाम से लेकर डूबती अर्थव्यवस्था को उबारने जैसे गंभीर सवाल देश प्रधानमंत्री से पूछ रहा है और ऐसे में सरकार केवल भगवान के सिर इल्जाम मढ़कर अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती।