सहकारिता मंत्री भदौरिया ने कहा- दिग्गी राजा मुझे क्या खरीदोगे, ऐसा कोई नहीं जो मुझे खरीद पाए
अरविंद भदौरिया झुकने डरने वाला नहीं है। मैंने संघ की शाखाओं में जाकर अपनी जिंदगी के 14 साल आदिवासी अंचलों में बिताए हैं।
भिंड, राज्य ब्यूरो। मंत्री बनकर पहली बार भिंड आए डॉ. अरविंद भदौरिया ने शनिवार को जनसभा में कमल नाथ सरकार के पतन के घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर जमकर निशाना साधा। सहकारिता मंत्री ने कहा, 'दिग्गी राजा, मुझे क्या खरीदोगे, संसार में ऐसा कोई नहीं जो मुझे खरीद पाए।'
अरविंद भदौरिया झुकने, डरने वाला नहीं है
भिंड जिले के अटेर से विधायक डॉ. भदौरिया ने मार्च माह में कांग्रेस विधायकों की बगावत व कमल नाथ सरकार के पतन के दौरान के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए आगे कहा, 'मेरे घर पुलिस भेज देते हैं। मुझे 100 फोन करते हैं। मेरे बंगले से नौकर को उठाकर लेकर जाते हैं। छोटे भाई को लेकर जाते हैं। छह घंटे तक रखते हैं। मैंने दिग्विजय सिंह से कहा, दिग्गी राजा तुम्हारे.. दम हो तो कर लो। अरविंद भदौरिया झुकने, डरने वाला नहीं है। मैंने संघ की शाखाओं में जाकर अपनी जिंदगी के 14 साल आदिवासी अंचलों में बिताए हैं। कोई चांदी की चम्मच लेकर नहीं निकला। तुम्हारा बेटा चांदी की चम्मच लेकर निकला होगा। अरविंद भदौरिया किसी से डरने वाला नहीं है। विधायकों को लालच देते हैं। दिग्गी राजा मुझे क्या खरीदोगे। इस संसार में ऐसा कोई नहीं जो मुझे खरीद पाए।'
चंबल प्रोग्रेस-वे बरही तक आ गया
अटेर विधायक और प्रदेश के सहकारिता व लोकसेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. भदौरिया ने निराला रंग विहार में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मंत्री पद की शपथ के बाद पहली बार कैबिनेट की मीटिंग में बैठा। एक-दो मुद्दों पर चर्चा के बाद मैं खड़ा हो गया। कहा, 'चंबल घाटी से आता हूं। कमल नाथ ने चंबल एक्सप्रेस-वे रोका था, उससे हमारे चंबल के विकास को रोका था। अब चंबल प्रोग्रेस-वे मीडिया में तो आ गया, सिस्टम में लाना पड़ेगा। पहली मीटिंग में प्रोग्रेस-वे बरही तक आ गया। चंबल प्रोग्रेस-वे रोड नहीं, उसकी बगल से उद्योग आएंगे। 8.50 हजार करोड़ से बनेगा। दूसरी कैबिनेट में कहा पैसा भी चाहिए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 752 करोड़ रुपए की किश्त डाल दी।'
एक पप्पू वहां हैं और एक पप्पू यहां हैं
सहकारिता मंत्री ने अटेर के पूर्व कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे को भी उनके डीएनए संबंधी बयान को लेकर आ़़डे हाथों लिया और कहा कि राजनीति में ऐसी भाषा नहीं बोली जाती, लेकिन एक पप्पू वहां हैं और एक पप्पू यहां हैं।