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कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक अगले सप्ताह, पार्टी अध्यक्ष समेत कई मुद्दों पर चर्चा की संभावना

कांग्रेस महामारी का हवाला देकर कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के मुद्दे को टाल रही थी।...और नेताओं का एक वर्ग विशेष रूप से जी-23 के लोग पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी के लिए नेतृत्व की आलोचना कर रहे थे। हाल ही में कपिल सिब्बल ने नेतृत्व की आलोचना की थी।

By Nitin AroraEdited By: Published: Sat, 09 Oct 2021 02:53 PM (IST)Updated: Sat, 09 Oct 2021 02:53 PM (IST)
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक अगले सप्ताह, पार्टी अध्यक्ष समेत कई मुद्दों पर चर्चा की संभावना
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक अगले सप्ताह, पार्टी अध्यक्ष समेत कई मुद्दों पर चर्चा की संभावना

नई दिल्ली, एजेंसी। पार्टी नेतृत्व ने पंजाब और छत्तीसगढ़ में नेताओं द्वारा ताजा उथल-पुथल और झगड़े के बीच अगले सप्ताह कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाने का फैसला किया है। बैठक में अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की जगह कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव के विवादास्पद मुद्दे पर भी विचार-विमर्श होने की उम्मीद है।

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कांग्रेस महामारी का हवाला देकर कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के मुद्दे को टाल रही थी।...और नेताओं का एक वर्ग, विशेष रूप से जी-23 के लोग, पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी के लिए नेतृत्व की आलोचना कर रहे थे। एक हफ्ते पहले ही, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी में जारी घमासान को लेकर सार्वजनिक रूप से नेतृत्व की आलोचना की थी।

दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद - समूह के प्रमुख सदस्यों में से एक, जिन्होंने पिछले साल सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के ढांचे में व्यापक बदलाव की मांग की थी - ने पिछले महीने सोनिया को पत्र लिखकर पंजाब में उथल-पुथल के मद्देनजर सीडब्ल्यूसी की बैठक की मांग की थी। अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के तरीके से जी-23 के कई सदस्य नाखुश हैं।

सिंह के जाने के बाद भी पार्टी की पंजाब इकाई में परेशानी कम नहीं हुई है। नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफे की घोषणा किए 10 दिन हो चुके हैं लेकिन अभी भी उनकी स्थिति पर कोई स्पष्टता नहीं है। संकेत यह है कि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। जबकि सिंह ने संकेत दिया है कि वह कांग्रेस छोड़ रहे हैं, यह मुद्दा भी सीडब्ल्यूसी की बैठक में प्रमुखता से उठा सकता है।

छत्तीसगढ़ में भी अनिश्चितता बनी हुई है। हालांकि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की हाल ही में उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्ति एक संकेत है कि नेतृत्व छत्तीसगढ़ में जल्द ही किसी भी बदलाव को नहीं देख रहा।

संकेत हैं कि सीडब्ल्यूसी की बैठक हंगामेदार हो सकती है। जहां सिब्बल के गुस्से ने सीडब्ल्यूसी के कई सदस्यों को नाराज कर दिया। वहीं सिब्बल के आवास के बाहर विरोध, जी-23 नेताओं को अच्छा नहीं लगा।

जी-23 सदस्य आजाद, आनंद शर्मा और मुकुल वासनिक सीडब्ल्यूसी के सदस्य हैं। सिर्फ जी-23 के सदस्य ही नहीं, पी चिदंबरम जैसे वरिष्ठ नेताओं ने भी सिब्बल के आवास के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन की निंदा की थी।


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