धारा 377 पर SC के निर्णय का स्वागत, बेडरूम में सरकार के लिए कोई जगह नहीं: कांग्रेस
शशि थरूर ने कहा कि हमने सरकार को अपनी निजी जिंदगी में दखल की अनुमति दे दी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट व्यक्ति का सम्मान बरकरार रखने के लिए खड़ा हुआ है।
नई दिल्ली [प्रेट्र/आइएएनएस]। कांग्रेस ने समलैंगिक संबंधों पर गुरुवार को आए उच्चतम न्यायालय के फैसले को 'ऐतिहासिक' करार दिया। पार्टी ने कहा कि यह 'उदारवादी एवं सहिष्णु समाज' की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि धारा-377 पर उच्चतम न्यायालय का फैसला ऐतिहासिक है। यह पुराना औपनिवेशिक कानून आज के आधुनिक समय में अप्रासंगिक था। मौलिक अधिकारों को बहाल करते हुए और यौन रुझान आधारित भेदभाव को नकारते हुए यह कानून खत्म हुआ।
पार्टी के राज्यसभा सदस्य शशि थरूर ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हमने सरकार को अपनी निजी जिंदगी में दखल की अनुमति दे दी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट व्यक्ति का सम्मान बरकरार रखने के लिए खड़ा हुआ है। यह एक तरह की आजादी है, क्योंकि बेडरूम में सरकार के लिए कोई जगह नहीं है। यह वयस्कों के बीच सहमतिपूर्ण अंतरंगता है। यह आजादी की सुबह है।
अपराध नहीं मानते, लेकिन समर्थन भी नहीं करते : संघ
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय की तरह हम भी समलैंगिकता को अपराध नहीं मानते हैं। अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि समलैंगिक विवाह और संबंध प्रकृति से सुसंगत एवं नैसर्गिक नहीं है। इसलिए हम इस प्रकार के संबंधों का समर्थन नहीं करते। परंपरा से भारत का समाज भी इस प्रकार के संबंधों को मान्यता नहीं देता। मनुष्य सामान्यत: अनुभवों से सीखता है। इसलिए इस विषय को सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक स्तर पर ही संभालने की आवश्यकता है।