चुनावी बांड को लेकर संसद में कांग्रेस का हंगामा, लोकसभा में पार्टी के सभी सांसदों ने किया वाकआउट
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की ओर से इसकी अनुमति नहीं मिलने के बाद आसन के सामने खड़े होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनावी बांड और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में विनिवेश के मुद्दे पर कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने संसद में जमकर हंगामा किया। हंगामे के कारण जहां एक ओर राज्यसभा की कार्रवाई एक घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी, वहीं कांग्रेस ने लोकसभा से वाकआउट किया। कांग्रेस का कहना था कि चुनावी चंदे की आड़ में सरकार ने भ्रष्टाचार को औपचारिक स्वरूप दे दिया है। कांग्रेस इसकी जेपीसी से जांच की मांग की।
संसद की कार्यवाही शुरु होते ही राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों में कांग्रेसी सांसदों ने चुनावी बांड और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में विनिवेश के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए चर्चा की मांग की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की ओर से इसकी अनुमति नहीं मिलने के बाद आसन के सामने खड़े होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
मनीष तिवारी ने पूछे सवाल
शून्यकाल में लोकसभा अध्यक्ष ने सबसे पहले कांग्रेस के मनीष तिवारी को अपनी रखने की इजाजत दी। मनीष तिवारी ने सरकार पर चुनावी बांड को औपचारिक भ्रष्टाचार का स्वरूप देने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें यह नहीं पता होता है कि किसने चंदा दिया और वह चंदा किसको गया।
उन्होंने कहा कि चुनावी बांड के जरिये आये धन का 95 फीसदी भाजपा के खाते में गया है। तिवारी के अनुसार 2017 में चुनावी बांड की व्यवस्था लोकसभा चुनाव के लिए चंदा जुटाने के लिए किया गया था। लेकिन 2018 में कर्नाटक के विधानसभा चुनाव के दौरान इसका उपयोग किया गया।
कांग्रेस सांसदों ने सदन का किया वाकआउट
उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की सक्रिय भूमिका है और आरटीआइ के तहत मिला जवाब इसका ठोस सबूत है। अध्यक्ष ने यह कहते हुए बात समाप्त कर दी कि वे खुद आरटीआइ से मिले इस सबूत को देखेंगे। बोलने की इजाजत नहीं मिलने के बाद कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के सांसदों ने सदन का वाकआउट कर दिया।
बाद प्रेस कांफ्रेंस कर मनीष तिवारी ने चुनावी बांड की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि जबतक उनकी मांग नहीं मानी जाती है, जबतक वे इस मुद्दे को उठाते रहेंगे।