1 दिसंबर को रामलीला मैदान में जुटेंगे सभी विपक्षी दल, सरकार के खिलाफ निकालेंगे रैली
कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां 1 दिसंबर को रामलीला मैदान में जुटेंगी और सरकार के खिलाफ रैली निकालेंगी।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस पार्टी सुस्त अर्थव्यवस्था और रोजजगार संकट पर सरकार के खिलाफ अपने विरोध आंदोलन की परिणति दिल्ली में एक बड़ी रैली के जरिये करेगी। संसद सत्र के दौरान एक दिसंबर को पार्टी की यह रैली होगी जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा समेत उसके तमाम दिग्गज नेता भी शिरकत करेंगे।
आर्थिक मंदी के साथ रोजगार संकट के मुद्दे को सियासी गरमी देने के लिए कांग्रेस पार्टी ने संसद सत्र के दौरान ही रैली करने का फैसला लिया है।संसद का शीत सत्र 18 नवंबर से शुरू हो रहा और यह 13 दिसंबर तक चलेगा। महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस को सियासी अखाड़े में फिर से उठ कर खड़े होने की संभावनाएं दिखने लगी हैं। इसीलिए पार्टी अब प्रधानमंत्री पर सीधे हमले की बजाय उन मुद्दों पर सरकार की घेरेबंदी कर रही है जिन पर वह चुनौतियों से जूझ रही है।
आर्थिक मंदी, बढ़ती बेरोजगारी और किसानों को एमएसपी नहीं मिल पाने के मुद्दे पर पांच नवंबर से देश भर में शुरू हुआ कांग्रेस का विरोध आंदोलन इसी रणनीति का हिस्सा है। सभी जिलों में 15 नवंबर तक चलने वाले इस विरोध प्रदर्शन के बाद कांग्रेस सभी प्रदेशों की राजधानी में एक रैली करेगी और दिल्ली की बड़ी रैली से कांग्रेस का शिखर नेतृत्व सीधे सरकार पर प्रहार करेगा।
पार्टी के इस आंदोलन को राज्यों में कारगर बनाने के लिए सोनिया गांधी ने केंद्रीय स्तर पर इसकी मानीटरिंग कराने का भी फैसला किया है। इसके लिए कांग्रेस ने राज्यों में 21 से ज्यादा केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं ताकि आंदोलन की निगरानी और समीक्षा चलती रहे। मोदी सरकार के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद कांग्रेस का यह सरकार के खिलाफ पहला बड़ा राजनीतिक आंदोलन है और पार्टी नेतृत्व के लिए इसको कामयाब बनाना चुनौती है।