MP Politics: वासनिक के सामने बनी रणनीति, दिग्विजय रहेंगे पहली पसंद
वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह उसकी पहली प्राथमिकता में रहने वाले हैं। यानी कांग्रेस की एक सीट पर दिग्विजय सिंह की जीत पक्की है।
भोपाल, जेएनएन। राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने अपनी रणनीति को को अंतिम रूप दे दिया। वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह उसकी पहली प्राथमिकता में रहने वाले हैं। यानी कांग्रेस की एक सीट पर दिग्विजय सिंह की जीत पक्की है। दूसरे उम्मीदवार फूलसिंह बरैया की जीत इसलिए मुश्किल लगती है, क्योंकि उन्हें कांग्रेस के शेष 40 वोट के अलावा सपा, बसपा और चारों निर्दलीय विधायकों के वोट मिल भी जाए तो बात नहीं बन पाएगी। बरैया तभी जीत सकते हैं जब भाजपा में फूट पड़े। हाल फिलहाल इसकी संभावना न के बराबर है।
चुनाव की रणनीति बनाने के लिए प्रदेश प्रभारी व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव मुकुल वासनिक तीन दिनी दौरे पर बुधवार को भोपाल पहुंचे। वे दिन भर कांग्रेस विधायकों व नेताओं से घिरे रहे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के निवास पर पार्टी विधायक दल की बैठक हुई। जिसमें सात विधायकों की गैरमौजूदगी चर्चा का विषय रही। हालांकि इन विधायकों के बारे में बताया गया सभी निजी कारणों से गैर हाजिर थे। जिसकी जानकारी कमल नाथ को थी। पार्टी सूत्र दावा करते हैं कि ये सभी विधायक कल होने वाली बैठक में हाजिर रहेंगे।
जो विधायक गैर हाजिर रहे, वे हैं
लक्ष्मण सिंह, केपी सिंह, रवि जोशी, हिना कांवरे, कुणाल चौधरी, बाल सिंह मेड़ा व वीर सिंह भूरिया। इनमें कुणाल चौधरी कोरोना के चलते नहीं आ पाए। हिना कांवरे के भाई सड़क दुर्घटना में घायल हो गए हैं, जिस वजह से वे बैठक में नहीं पहुंच सकीं। रवि जोशी की माताजी की तबीयत ठीक नहीं होने से उन्होंने गुरुवार को बैठक में शामिल होने की अनुमति ली है। इसी तरह वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह, केपी सिंह व अन्य भी गुरुवार को आएंगे। मतदान के दिन शुक्रवार को कमल नाथ के बंगले से पार्टी के विधायक एक साथ बस से विधानसभा के लिए रवाना होंगे।
दिग्विजय सिंह प्रथम वरीयता में
पार्टी पहले ही तय कर चुकी है कि दो उम्मीदवारों में से दिग्विजय सिंह उसकी पहली वरीयता में रहेंगे। पार्टी के पास कुल विधायकों की संख्या 92 है। राज्यसभा की एक सीट को जीतने के लिए 52 वोटों की जरूरत होगी। यानी पार्टी के 52 विधायकों को यह बता दिया गया है कि उन्हें दिग्विजय को वोट देना है। बचे हुए 40 विधायक जाहिर है फूलसिंह बरैया को वोट डालेंगे। बरैया की जीत तभी हो सकती है, जब उन्हें 12 वोट और मिल जाए। मान लीजिए कि सपा बसपा और निर्दलीय के सात वोट कांग्रेस उनके लिए जुगाड़ भी लेती है, तब भी उन्हें पांच वोट कम पड़ेगे। यह तभी संभव है जब भाजपा के पांच विधायक बरैया के पक्ष में वोट डाले। मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में यह नमुमकिन सा लगने वाला विकल्प है।
मतदान कैसे करें दिया प्रशिक्षण
बैठक में विधायकों को बताया गया कि किस तरह मतदान करना है। इसका बकायदा पूर्वाभ्यास भी कराया गया। इसके लिए नकली मतपत्र विधायकों को दिए गए और उनसे मतदान कराया गया। कुछ विधायकों ने मतपत्र में प्रत्याशी के नाम के सामने ही एक नंबर लिख दिया, जबकि नाम के सामने के चौखाने में नंबर लिखना था। मतदान के पूर्वाभ्यास में विधायकों ने अपने पार्टी के प्रतिनिधि को मतपत्र दिखाकर मतपेटी में उसे डाला। राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया के बारे में पीसीसी के चुनाव कार्य प्रभारी जेपी धनोपिया ने विधायकों को जानकारी दी।
वासनिक बोले- सरकार गिराने वाले बिकाऊ थे, बचे हुए विधायक बहादुर
विधायक दल की बैठक में मुकुल वासनिक ने सरकार गिराने वाले विधायकों को बिकने वाला बताया और बाकी बचे सदस्यों को बहादुर विधायक कहा है। उन्होंने कहा कि वे दोबारा प्रभारी बनकर मध्य प्रदेश आए हैं और बेहतर समन्वय के लिए काम करेंगे। सभी सजग करें कि राज्यसभा चुनाव में उनका मत बेकार नहीं हो। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के श्यामला हिल्स स्थित बंगले पर दोपहर में विधायक दल की बैठक शुरू हुई। इसमें भारत-चीन सेना में हुई झड़प में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि के बाद दो घंटे चली बैठक में मुकुल वासनिक, कमल नाथ के भाषण हुए। वासनिक ने विधायकों को कहा कि वे घबराएं नहीं। आप बिके नहीं और बहादुरी से परिस्थितियों का सामना किया तो पार्टी में आपको पूरा सम्मान मिलेगा। सरकार को वापस लाने का एक और अवसर मिला है तो सभी एकजुट होकर काम करें।
कल के बाद परसों भी आता है : नाथ
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि जब सरकार गई थी, तब उन्होंने कहा था कि कल के बाद परसों आता है तो वह दिन आने वाला है। उपचुनाव में कांग्रेस जीतेगी और सरकार में वापस आएंगे। उन्होंने सभी विधायकों से राज्यसभा चुनाव में ध्यानपूर्वक मतदान करने को कहा और किसी भी तरह की जल्दबाजी या गफलत में वोट डालने से बचने की सलाह दी। बैठक में बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों में से निर्दलीय विधायक केदार डाबर व राणा विक्रम सिंह ही पहुंचे। जबकि केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी व अरुण यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, एआईसीसी के चारों प्रभारी सचिव सुधांशु त्रिपाठी, संजय कपूर, कुलदीप इंदौरा व सीपी मित्तल शामिल हुए। बताया जाता है कि गुरुवार को भी कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी और उसमें फिर मॉकपोल कराया जाएगा। राज्यसभा चुनाव के बाद शुक्रवार शाम को प्रदेश में 24 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव को लेकर भी बैठक होगी।