कांग्रेस ने थामी हरियाणा की गुटबाजी, दोबारा जारी हुई समन्वय समिति की सूची
हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी थामने के लिए पार्टी हाईकमान ने हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं को एक ही बस में बिठाकर सूबे की चुनावी यात्रा कराने का फैसला किया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा के पार्टी दिग्गजों की गुटबाजी से रूबरू हो रही कांग्रेस ने फिलहाल अंदरूनी खींचतान थामते हुए प्रदेश समन्वय समिति की वापस ली गई लिस्ट सोमवार को फिर जारी कर दी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में बनी समन्वय समिति में सूबे के सभी दिग्गजों को जगह दी गई है।
अंदरूनी विवाद थमने के बाद प्रदेश कांग्रेस की चुनाव से जुड़ी अन्य समितियों की घोषणा अब जल्द हो जाएगी। वहीं चुनाव में एकजुटता का संदेश देने के लिए कांग्रेस सूबे के दिग्गज नेताओं को एक ही बस में सूबे की यात्रा पर रवाना करेगी। इस दौरान पार्टी नेता साथ-साथ जनता के बीच घूमेंगे, खाना भी साथ खाएंगे और मंच भी साझा करेंगे।
हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी महासचिव गुलाम नबी आजाद ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर समन्वय समिति की वापस ली गई सूची को फिर जारी करने का ऐलान किया। आजाद ने सफाई दी कि समन्वय समिति की सूची इसलिए वापस ली गई कि चुनाव से जुड़ी अन्य समितियों का गठन किया जाना था।
उन्होंने कहा कि समन्वय समिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है और भूपेंद्र सिंह हुड्डा अध्यक्ष बने रहेंगे। जबकि अशोक तंवर, किरण चौधरी, कुमारी शैलजा, रणदीप सुरजेवाला, कुलदीप विश्नोई, महेंद्र प्रताप सिंह, कैप्टन अजय सिंह यादव, दीपेंद्र हुड्डा, नवीन जिंदल, कैलाशो सैनी, अनिल ठक्कर, कुलदीप शर्मा, जयवीर सिंह बाल्मिकी और सरदार जयपाल सिंह लाली इसके सदस्य बनाए गए हैं।
समन्वय समिति लोकसभा चुनाव के लिए ही या विधानसभा में भी यही काम करेगी इस बारे में अशोक तंवर ने कहा कि यह समिति लंबे समय तक काम करती है और जब तक इसकी जगह दूसरे समिति नहीं बनती तब तक यही रहती है।
गुलाम नबी ने कहा कि समन्वय समिति में अनुभवी और युवा नेताओं के साथ सूबे के सभी सामाजिक वर्गो को समायोजित करने का प्रयास किया गया है। प्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी को खत्म करने के लिए बाकी दूसरे नेताओं को चुनाव समिति, चुनाव प्रबंध समिति, प्रचार समिति आदि में शामिल किए जाने की बात कही। हुड्डा के नाराज होने के सवाल पर आजाद ने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है और समन्वय समिति उनकी अनुमति से ही बनी है।
हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी थामने के लिए पार्टी हाईकमान ने कर्नाटक और आंध्रप्रदेश के आजमाए मॉडल के अनुरूप हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं को एक ही बस में बिठाकर सूबे की चुनावी यात्रा कराने का फैसला किया है। आजाद ने कहा कि दो राज्यों में बतौर महासचिव सफल प्रयोग करने के बाद हरियाणा में बस यात्रा का मॉडल भी सफल होगा इसको लेकर वे आश्वस्त हैं।