कर्नाटक की राजनीति के खेल में कांग्रेस चित और पट दोनों में ही अपनी जीत देख रही है
यदि कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन को सरकार बनाने का मौका नहीं दिया गया, तो वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कर्नाटक में सरकार बनाने की लड़ाई की आड़ में कांग्रेस 2019 के बडे़ हित साधने में जुटी हुई है। यही वजह है कि उसका फोकस सरकार बनाने के साथ ही भाजपा और केंद्र सरकार को घेरने में लगी है। कांग्रेस को लग रहा है कि कर्नाटक में जेडीएस के रूप में 2019 के लिए एक साथी मिल गया है। यही वजह है कि वह कुमारस्वामी के लिए पूरी ताकत झोंक दिया है। कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि यदि राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने के लिए नहीं बुलाया, तो वह कोर्ट का दरबाजा खटखटाएंगे।
-सधे कदमों से विपक्षी दलों को साधने में जुटी कांग्रेस
कर्नाटक में जेडीएस को आगे कर सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी कांग्रेस इस खेल में चित और पट दोनों में ही अपनी जीत देख रही है, क्योंकि वह इस बहाने भाजपा और केंद्र के खिलाफ बिखरे विपक्ष को एकजुट करने का नेतृत्व अपने हाथ में लेना चाहती है। यदि कर्नाटक में उनके समर्थन से सरकार बन गई है, तब तो जेडीएस से उसकी दोस्ती रहेगी ही, लेकिन यदि सरकार नहीं बनी, तो उसकी यह दोस्ती और भी ज्यादा मजबूत होगी। क्योंकि इस बहाने वह जेडीएस को भी 2019 में भाजपा के खिलाफ मजबूती से इस्तेमाल करेगी। वैसे भी दोनों दलों के वोट बैंक को देखें, तो दोनों के एक साथ आ जाने पर भाजपा के लिए परेशानी बढ़ेगी।
यही वजह है कि कांग्रेस कर्नाटक की लड़ाई को राष्ट्रीय स्तर पर लड़ने की तैयारी में है। विपक्षी दलों को देर-सबेर मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस के इस मुहिम के साथ आना होगा। यदि ऐसा हो गया, तो विपक्ष एकता का नेतृत्व अपने-आप में कांग्रेस के हाथ में आ जाएगा। जाहिर है कर्नाटक की यह पिच और मुद्दा दोनों ही उनके लिए अनुकूल है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने इस लड़ाई को आगे तक ले जाने के संकेत देते हुए कहा कि यदि कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन को सरकार बनाने का मौका नहीं दिया गया, तो वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। पार्टी सूत्रों की कहना है कि पार्टी ने इसकी पूरी तैयारी भी कर ली है। पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी को इसकी जबावदेही सौंपी गई है।
इसी बीच कांग्रेस पार्टी की ओर से पी चिदंबरम और कपिल सिब्बल ने कहा कि कर्नाटक में यदि राज्यपाल को भाजपा सरकार बनाने का न्यौता देते है, तो यह गोवा को लेकर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ होगा। क्योंकि गोवा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिस गठबंधन के पास ज्यादा संख्या है, उसे ही सरकार बनाने का अधिकार है।