कांग्रेस ने कहा, आधार पर ऐतिहासिक फैसला पार्टी की जीत, सरकार को 'तमाचा'
अदालत के इस रुख से साफ है कि लोकसभा स्पीकर के विवादित फैसले की न्यायिक समीक्षा की जा सकती है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आधार की अनिवार्यता सीमित किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए कांग्रेस ने इसे अपनी बड़ी जीत बताया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि आधार को निगरानी का हथियार बनाने से रोक सर्वोच्च अदालत ने देश की रक्षा की है। राहुल ने ट्वीट कर कहा कि 'कांग्रेस के लिए आधार सशक्तिकरण का एक औजार था मगर भाजपा के लिए यह दमन और निगरानी का हथियार बन गया।
राहुल ने सुप्रीम कोर्ट का किया शुक्रिया
राहुल गांधी ने कहा कांग्रेस के दृष्टिकोण का समर्थन करने और भारत की रक्षा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया।'
कोर्ट ने हालांकि आधार को निगरानी मानने से इनकार कर दिया। कई योजनाओं में आधार के उपयोग को जरूरी भी बताया और मनी विधेयक के रूप में इसे पारित कराने को भी सहमति दे दी है, लेकिन कांग्रेस इसे अपनी जीत के रूप में देख रही है।
आधार की अनिवार्यता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बतौर वकील पैरोकारी करने वाले कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने फैसला को सरकार के लिए 'तमाचा' बताते हुए कहा कि यदि सरकार आधार में संशोधन के लिए इसे वित्त विधेयक के रुप में लाया गया तो कांग्रेस इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
आधार फैसले की बड़े संविधान पीठ से समीक्षा का विकल्प खुला
सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि लोकसभा स्पीकर का किसी बिल को मनी बिल के रुप में स्वीकार करने का फैसला न्यायिक समीक्षा के दायरे में आएगा। अदालत के इस रुख से साफ है कि स्पीकर के विवादित फैसले की न्यायिक समीक्षा की जा सकती है। हम आधार के मौजूदा फैसले की सात सदस्यीय संविधान पीठ से समीक्षा के लिए भी कहेंगे।
सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आधार की धारा-57 को असंवैधानिक ठहरा सरकार के दावों को निराधार कर दिया है। निजी कंपनियों की सेवा के लिए हर जगह आधार अब जरूरी नहीं होगा। उनके मुताबिक कांग्रेस समेत विपक्षी दल शुरू से इस प्रावधान का विरोध कर रहे थे मगर सरकार ने एक नहीं सुनी।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर नागरिकों का डाटा हासिल करने के सरकार की दलीलें खारिज कर दी है। निजी कंपनियों को नागरिकों का डाटा देने से रोकना नागरिकों की बहुत बड़ी जीत है। फैसले ने नागरिकों को सरकार के निगरानी तंत्र के शिकंजे से बचाया है।
सिब्बल ने कहा कि फैसले के बाद देश के करोड़ों नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए जरूरी है कि आधार डाटा जिन कंपनियों और संस्थाओं के पास हैं उन्हें तत्काल नष्ट किया जाए। कंपनियों के हाथ लगे डाटा का नष्ट किया जाना नागरिक और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए बेहद जरूरी है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि कंपनियों के पास मौजूद आधार डाटा नष्ट कराने के लिए जरूरी हुआ तो पार्टी अदालत भी जाएगी क्योंकि यह नागरिकों की निजता के अधिकार का सवाल है। उनके मुताबिक फैसला सरकार के लिए सबक है कि वह आधार को जनता की जासूसी का हथियार बनाने की बजाय सरकारी सुविधाओं का लाभ देने का प्रभावी औजार बनाए।