कमलनाथ के बचाव और पलटवार के लिए कांग्रेस ने उठाया गुजरात दंगों का मुद्दा
सिख विरोधी दंगों के मामले में सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा के बहाने कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सिख विरोधी दंगों के मामले में सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा के बहाने भाजपा और अकाली द्वारा मध्य प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधे जाने पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
पार्टी का कहना है कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। कांग्रेस ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि 2002 के गुजरात दंगा मामलों में उसके शीर्ष पदों पर बैठे नेताओं के नाम आए थे।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह कानूनी और न्यायिक मामला है और कानून को अपना काम करने देना चाहिए। आरोपित और अभियोजन दोनों के पास अपील करने का अधिकार है। लेकिन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का नाम इसमें नहीं घसीटा जाना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं है।
उन्होंने कहा कि देश को गुजरात दंगों से करीब से जुड़े रहे लोगों से सवाल करना चाहिए जो मुख्यमंत्री और राज्य के गृह मंत्री की कुर्सी पर आसीन थे और जो आज प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान हैं।
कांग्रेस के एक अन्य नेता कपिल सिब्बल ने कहा, 'इसे राजनीतिक रंग मत दीजिए क्योंकि यह अदालत का फैसला है।' उन्होंने गुजरात के 2002 के दंगों का मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि इन मामलों में कई भाजपा नेताओं के नाम सामने आए थे। जबकि सज्जन कुमार पार्टी में किसी भी पद पर नहीं हैं और न ही दशकों से उन्हें टिकट दिया गया है। वरिष्ठ पार्टी नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि भाजपा के कई नेता गुजरात दंगों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल थे।
वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सज्जन कुमार को सजा के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि आखिरकार पीड़ितों के साथ न्याय हुआ है। साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि सिख दंगों में न तो कांग्रेस पार्टी और न ही गांधी परिवार की कोई भूमिका थी। सिर्फ निहित राजनीतिक कारणों से उनका नाम इस विवाद में घसीटा जाता है।