कांग्रेस ने सबको मुफ्त टीके के लिए फिर उठाई आवाज, कहा- केंद्र उठाए टीकाकरण का पूरा खर्च
कांग्रेस ने केंद्र सरकार की टीकाकरण नीति पर सवाल उठाते हुए देश के सभी नागरिकों को मुफ्त टीका लगाए जाने की फिर मांग की है। पार्टी ने कहा कि केंद्र सरकार को आपदा में अवसर के स्वार्थ को छोड़कर मुफ्त टीकाकरण करना चाहिए।
नई दिल्ली, जेएनएन। कांग्रेस ने केंद्र सरकार की टीकाकरण नीति पर सवाल उठाते हुए देश के सभी नागरिकों को मुफ्त टीका लगाए जाने की फिर मांग की है। पार्टी ने कहा कि कोरोना संकट से लोगों को बड़ी आर्थिक क्षति भी हुई है और ऐसे में केंद्र सरकार को 'आपदा में अवसर' के स्वार्थ को छोड़कर मुफ्त टीकाकरण करना चाहिए। राज्यों पर टीकाकरण का बोझ लादने के बजाय केंद्र को इसका पूरा खर्च वहन करना चाहिए।
राहुल बोले- लीडरशिप दिखाने का वक्त
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए यह लीडरशिप दिखाने का वक्त है और वैक्सीन का इंतजाम कर सभी को मुफ्त लगाने का प्रबंध कर वह ऐसा कर सकते हैं। इंटरनेट मीडिया पर कांग्रेस के अभियान की अगुआई करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि इस बारे में उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री को लिखा था, जिसमें कहा था कि अगर भारत की वैक्सीन रणनीति नहीं बनाई गई तो लोग एक बार नहीं अनेक बार मरेंगे।
आती रहेगी कोरोना की लहर
राहुल ने यह भी कहा कि कोरोना की लहर बार-बार आती रहेगी क्योंकि वायरस स्वरूप बदल रहा है। अपने नागरिकों को वैक्सीन देने के बजाय वैक्सीन कूटनीति के तहत उसे विदेश भेजने को सही ठहराए जाने के विदेश मंत्री के रुख की आलोचना करते हुए राहुल ने कहा कि आज की स्थिति में हमारी आबादी के केवल तीन फीसद को ही टीका लगा है। 97 फीसद लोगों के लिए कोरोना संक्रमण का दरवाजा खुला है। ऐसे में जरूरी है कि सरकार जहां से भी संभव हो वैक्सीन हासिल करे, अधिकतम लोगों का टीकाकरण करे और बहाने बनाने बंद करे।
लोगों को टीका कैसे लगाएंगे
वहीं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि कुछ राज्यों में वैक्सीन नहीं हैं, कुछ राज्यों के पास पैसे नहीं हैं। जब जीएसटी की रकम उन्हें नहीं मिली है तो ये राज्य अपने लोगों को टीका कैसे लगाएंगे।
प्रियंका बोलीं- केंद्र ने राज्यों पर डाला बोझ
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि देश में प्रतिदिन औसतन 19 लाख लोगों को वैक्सीन लग पा रही है। केंद्र सरकार की ढुलमुल नीति ने वैक्सीन वितरण को अधर में लाकर छोड़ दिया है। सभी नागरिकों को आशा थी कि सबके लिए मुफ्त वैक्सीन की नीति बनेगी, लेकिन केंद्र की नीति के चलते वैक्सीन केंद्रों पर ताले लग गए। एक देश में वैक्सीन के तीन दाम हैं और केवल 3.4 फीसद आबादी का ही अभी संपूर्ण टीकाकरण हो पाया है। वैक्सीन नीति दिशाहीन ही नहीं, बल्कि केंद्र ने इसका भार भी राज्यों पर डाल दिया है।
खड़गे और आजाद ने भी उठाई आवाज
राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि टीकाकरण की मौजूदा गति से पूरी आबादी के टीकाकरण में कई साल लगेंगे और इसलिए हम इसकी गति बढ़ाए जाने की मांग करते हैं। पार्टी के असंतुष्ट नेताओं की अगुआई करने वाले वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि एक वैक्सीन ही है जो पूरी दुनिया और भारत को कोरोना से बचा सकती है। इसलिए देशवासियों को यह मुफ्त में दी जानी चाहिए।