राफेल डील : राहुल बोले- हैरान करने वाली है पीएम मोदी की चुप्पी
फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के खुलासे के बाद राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है।
नई दिल्ली, जेएनएन। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के बयान के जरिए प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हमला बोलते हुए कहा कि भारत के पीएम को इस मामले पर सफाई देनी चाहिए। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि पीएम के मुंह से आवाज क्यों नहीं निकल रही है? 30 हजार करोड़ रुपये का फ्री गिफ्ट नरेन्द्र मोदी जी ने खुद अनिल अंबानी को दिया है। यह सच्चाई है।
राहुल ने कहा कि नरेन्द्र मोदी जी ने 30 हजार करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट अनिल अंबानी की मदद करने के लिए उन्हें दे दिया। अनिल अंबानी ने कभी जहाज नहीं बनाया, उनकी कंपनी 10 दिन पहले बनी है। एचएएल को हटा दिया, रिलायंस को दे दिया। मैं सिर्फ ये कहना चाहता हूं कि जिस इंसान पर आपका भरोसा है उसने आपको ठगा है, आपका भरोसा तोड़ा है। उन्होंने कहा कि मैं आपकी (पीएम मोदी) कुर्सी बचा रहा हूं। आप सामने आईए, बताइए कि ऐसा नहीं हुआ था। भारत के पीएम को इस मामले पर सफाई देनी चाहिए।
इससे पहले राहुल ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। राहुल ने कहा पीएम और अनिल अंबानी ने मिलकर भारतीय सुरक्षाबलों पर एक लाख 30 हजार करोड़ का सर्जिकल स्ट्राइक किया है।
राहुल ने आगे कहा कि मोदी जी आपने हमारे शहीदों के खून का अपमान किया है। आपने भारत की आत्मा को धोखा दिया है।
गौरतलब है कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा है कि भारत सरकार ने 58,000 करोड़ रुपये के राफेल लड़ाकू विमान सौदे में दासौ एविएशन के लिए रिलायंस डिफेंस को साझीदार के रूप में प्रस्ताव किया था। इसीलिए, फ्रांस के पास कोई विकल्प नहीं था। हमने उसे लिया जो हमें दिया गया। वहीं, ओलांद के दावे के उलट फ्रांस की सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारतीय औद्योगिक पार्टनर के चुनाव में उसकी किसी तरह की भूमिका नहीं रही है। उसने जोर देकर कहा है कि फ्रेंच कंपनी दासौ को कॉन्ट्रैक्ट के लिए भारतीय कंपनी का चुनाव करने की पूरी आजादी रही है। रिलायंस डिफेंस को साझीदार के रूप चुने जाने के दावे पर फ्रांस सरकार ने कहा कि दासौ ने सबसे बेहतर विकल्प को चुना है।
फ्रेंच कंपनी ने भी दावे के उलट दिया बयान
वहीं, फ्रेंच कंपनी दासौ ने भी बयान जारी कर कहा है कि उसने ऑफसेट पार्टनर के रूप में खुद रिलायंस का चुनाव किया था। दासौ एविएशन ने कहा कि राफेल सौदा भारत और फ्रांस सरकार के बीच एक अनुबंध था, लेकिन यह एक अलग तरह का अनुबंध था। इसमें दासौ एविएशन को खरीद मूल्य के 50 फीसद निवेश भारत में बनाने के लिए प्रतिबद्ध था। इसमें मेक इन इंडिया की नीति के अनुसार दासौ एविएशन ने भारतीय कंपनी रिलायंस समूह के साथ साझेदारी करने का फैसला किया। यह दासौ एविएशन की पसंद थी।