मेहुल चोकसी मामले पर कांग्रेस का आरोप, सरकार ने की भागने में मदद
सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ धोखाधड़ी की जानकारी होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी के देश से भागने के लिए कांग्रेस ने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पीएमओ को जिम्मेदार ठहराया है। पार्टी ने कहा कि संसद में सरकार के जवाब और तथ्यों से साफ जाहिर है कि पीएमओ समेत सरकार की सभी एजेंसियों ने लंबे समय तक ऐसी ढिलाई बरती ताकि मेहुल चोकसी और नीरव मोदी आसानी से भारत से फरार हो सकें।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मेहुल चोकसी के मीडिया में आये इंटरव्यू के बाद कहा कि संसद के पटल पर सरकार के दिये जवाबों और साक्ष्यों से साफ है कि 7 मई 2015 से एक मार्च 2018 तक पीएमओ ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ धोखाधड़ी की जानकारी होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की।
7 मई 2015 को पहली बार वैभव खुरानिया ने पीएमओ को इस पूरे मामले की जानकारी तथ्यों के साथ दी थी। सीरियस फ्रॉड इनवेस्टिगेशन ऑफिस को भी शिकायत भेजी गई। 26 मई 2015 को पीएमओ ने शिकायत मिलने की पुष्टि भी की।
सुरेजवाला ने कहा कि साफ है कि मई 2015 में ही नीरव मोदी की धोखाधड़ी की जानकारी पीएमओ समेत तमाम एजेंसियों को मिल गई थी। इससे पहले 26 जुलाई 2014 को एक और व्यक्ति हरि प्रसाद सीधे पीएमओ से नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के बड़ी धोखाधड़ी कर देश से फरार होने का अंदेशा जाहिर करने की शिकायत कर चुके थे। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि एक मार्च 2018 को पीएमओ का कार्रवाई के लिए कहना साफ दर्शाता है कि यह कदम तब उठाया गया जब नीरव मोदी और मेहुल चोकसी फरार हो चुके थे।
सुरेजवाला ने कहा कि मेहुल चोकसी को भागने के लिए उसके एंटीगुआ की नागरिकता हासिल करने का रास्ता भी सरकार ने साफ किया। विदेश मंत्रालय और सेबी ने मई-जून 2017 में मेहुल चोकसी की एंटीगुआ की नागरिकता के लिए उनको क्लीनचिट दी।
उन्होंने सरकार से पूछा जब चोकसी के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत आ चुकी थी तो फिर क्लिन चिट क्यों दी गई? सीबीआई और ईडी के मेहुल चोकसी के खिलाफ इंटरपोल की नोटिस जारी कराने के लिए सबूत देने की पहल नहीं करने को लेकर भी कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल दागे।