कांग्रेस विधायक ने जिले में तबाही और राहत कार्यो में हुई लापरवाही पर विधानसभा में चर्चा नहीं होने पर खुद का कुर्ता फाड़ा
मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में बीते दिनों बाढ़ से तबाही का मंजर और राज्य सरकार की तरफ से जिले में राहत कार्य में लापरवाही भी देखने को मिली थी। लापरवाही को देखते हुए सरकार ने श्योपुर के एसपी और कलेक्टर को हटा दिया था।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में बीते दिनों बाढ़ से तबाही का मंजर और राज्य सरकार की तरफ से जिले में राहत कार्य में लापरवाही भी देखने को मिली थी। लापरवाही को देखते हुए सरकार ने श्योपुर के एसपी और कलेक्टर को हटा दिया था। तो वहीं इस मुद्दे पर विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार को घेरने की कोशिशों में लगे हुए हैं।
श्योपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल ने तबाही और राहत कार्यो में लापरवाही पर विधानसभा में चर्चा नहीं होने पर खुद का कुर्ता फाड़ लिया। विधानसभा में चर्चा की मांग कर रहे विधायक बाबू जंडेल ने चर्चा का मौका न मिलने पर मीडियाकर्मियों के सामने अपना विरोध दर्ज कराते हुए यह कदम उठाया। उन्होंने कहा कि राहत कार्यो में लापरवाही बरती जा रही है और बाढ़ पीड़ित लोगों के पास खाने-पीने की सामग्री, पहनने के लिए कपड़े और जूते-चप्पल तक नहीं हैं। सब कुछ तबाह हो गया है और सरकार विधानसभा में इस पर चर्चा भी नहीं करना चाहती है।
कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल ने आगे कहा कि क्षेत्र का जनप्रतिनिधि होने के नाते मुझे अपनी बात विधानसभा में रखने का पूरा हक है, पर सरकार कुछ नहीं सुनना चाहती है। उन्होंने श्योपुर के पूर्व कलेक्टर की कार्यप्रणाली पर भी नाराजगी जताई। विधायक ने आरोप लगाया कि गांवों में पंचायतें छोटे-छोटे काम भी नहीं करवा रही हैं। जिले में उत्तराखंड जैसा संकट आया है।
गौरतलब है कि बाढ़ से श्योपुर जिला काफी प्रभावित हुआ है। राहत न मिलने से नाराज लोगों ने स्थानीय सांसद व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के सामने नारेबाजी की थी और उनके गाड़ियों के काफिले पर अपना रोष दिखाते हुए कीचड़ फेंका था। हालांकि लापरवाही सामने आने के बाद वहां के कलेक्टर, एसपी सहित कई बड़े अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है।