बोस के पोते का बड़ा आरोप, नेहरू ने आजाद हिंद फौज का किया था विरोध
21 अक्टूबर 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सिंगापुर में प्रातीय आजाद हिंद सरकार की स्थापना की थी।
नई दिल्ली, एएनआइ। नेताजी सुभाषचंद्र बोस के पोते व पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष चंद्र कुमार बोस ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले सेनानियों के इतिहास को मिटाने की कोशिश की और भारत में राजवंश तानाशाही को बढ़ाया दिया।
स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद नहीं रखा
बोस ने कहा, 'कांग्रेस ने भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद नहीं रखा। देश की आजादी के लिए सन 1857 की क्रांति से जो आग भड़की थी, उसमें भारतीय सिपाहियों मंगल पांडे, शहीद भगत सिंह, राजगुरु, विनय बादल दिनेश और कई अन्य ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लेकिन आजादी के बाद कांग्रेस के शासनकाल में इन स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को भुलाने और मिटाने का काम हुआ। कांग्रेस पार्टी ने भारत को राजवंश तानाशाही में तब्दील कर दिया।'
नेहरु ने लाल किले पर तिरंगा फहराने का किया था विरोध
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को बोस ने विभाजित भारत का प्रधानमंत्री बताया। बोस ने कहा, 'नेताजी सुभाष चंद्र बोस अखंड भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। जवाहर लाल नेहरू विभाजित भारत के पहले प्रधानमंत्री थे, अखंड भारत के नही। भारत की युवा पीढ़ी को यह बताया जाना चाहिए।' उन्होंने बताया, 'यह भी सच है कि जब 1944 में आजाद हिंद फौज दिल्ली में आकर लाल किले पर तिरंगा फहराने चाहती थी, तब पंडित नेहरू और कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने इसका विरोध किया था।'
रविवार को आजाद हिंद फौज के स्थापना दिवस के 75वें साल पर आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम ने कांग्रेस पर निशाना साधा। मोदी ने गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक परिवार को बड़ा बनाने के लिए देश के अनेक सपूतों चाहे सरदार पटेल हो, बाबा साहब अंबेडकर हों, उन्हीं की तरह ही नेताजी के योगदान को भुलाने की कोशिश हुई। पीएम ने देश के पहले पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम लिए बिना तंज कसते हुए कहा कि आजादी के बाद अगर पटेल और बोस का नेतृत्व मिलता तो स्थितियां अलग होतीं।
गौरतलब है कि 21 अक्टूबर 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सिंगापुर में प्रातीय आजाद हिंद सरकार की स्थापना की थी। उस समय 11 देशों की सरकारों ने आजाद हिंद सरकार को मान्यता दी थी। उस सरकार ने कई देशों में अपने दूतावास भी खोले थे। इसके अलावा आजाद हिंद फौज ने बर्मा की सीमा पर अंग्रेजों के खिलाफ जोरदार लड़ाई लड़ी थी। केंद्र की भाजपा सरकार ने रविवार को नेताजी द्वारा स्थापित आजाद हिंद सरकार की 75वीं वर्षगाठ मनाई।