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सरकार को घेरने की रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस के लोकसभा और राज्‍यसभा के सांसदों की हुई बैठक

संसद में पेगासस जासूसी कांड और किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गठित लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के एक समूह की संयुक्त बैठक संसद में सीपीपी कार्यालय में हुई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 06:59 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 07:35 PM (IST)
सरकार को घेरने की रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस के लोकसभा और राज्‍यसभा के सांसदों की हुई बैठक
कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गठित लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के एक समूह की संयुक्त बैठक

 नई दिल्ली, एजेंसी। पेगासस के माध्यम से जासूसी के आरोपों की जांच और तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने सहित अपनी मांगों को लेकर दोनों सदनों में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा जारी विरोध के बीच रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गठित लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के एक समूह की संयुक्त बैठक संसद में सीपीपी कार्यालय में हुई।

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19 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र से पहले पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा कांग्रेस संसदीय समूहों का पुनर्गठन किया गया था। बैठक में उपस्थित लोगों में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, और पार्टी के नेता जयराम रमेश, दिग्विजय सिंह, केसी वेणुगोपाल, पी चिदंबरम, मनीष तिवारी, मनिकम टैगोर, रवनीत सिंह बिट्टू, शशि थरूर, अंबिका सोनी और के सुरेश भी शामिल थे। विपक्षी दल अपनी मांगों को लेकर लोकसभा और राज्यसभा दोनों में स्थगन का दबाव बना रहे हैं। मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही दोनों सदनों में विपक्ष का विरोध हो रहा है।

बैठक के बाद राज्‍यसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि लोगों की आजादी, निजता और देश के हित में पेगासस की जासूसी ठीक नहीं है। चर्चा करने में क्या है। आप 4 घंटे चर्चा करें, मैं रिप्लाई देता हूं। उसमें कुछ नहीं है बोलकर जाओ। अगर आप ये कहेंगे तो मालूम हो जाएगा। उस वक्त हम आगे क्या कदम उठाएंगे ये बताएंगे। सबका एक ही मत है कि पेगासस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। उस चर्चा का उत्तर देने के लिए वहां प्रधानमंत्री या गृहमंत्री का उपस्थित होना जरूरी है। उत्तर तो गृहमंत्री को ही देना पड़ता है, क्योंकि ये विभाग उनके अधीन है। गृहमंत्री के इशारे के बिना कोई टैप नहीं करता।


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