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कांग्रेस नेता पी चिदंबरम बोले, सरकार 12 करोड़ों लोगों की नौकरी-रोजगार बचाने के पैकेज में न करे देरी

पूर्व वित्तमंत्री कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि सरकार की ओर से मदद नहीं दी गई तो प्राइवेट सेक्टर को बड़ी संख्या में नौकरियों की कटौती करने को मजबूर होना पड़ेगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 29 Apr 2020 08:13 PM (IST)Updated: Wed, 29 Apr 2020 08:13 PM (IST)
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम बोले, सरकार 12 करोड़ों लोगों की नौकरी-रोजगार बचाने के पैकेज में न करे देरी
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम बोले, सरकार 12 करोड़ों लोगों की नौकरी-रोजगार बचाने के पैकेज में न करे देरी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस ने 12 करोड़ लोगों का रोजगार बचाने के लिए केंद्र सरकार से तत्काल विशेष वित्तीय पैकेज देने की मांग की है। इसमें एमएसएमई सेक्टर के लिए दो लाख करोड़ के राहत सहायता पैकेज में देरी न किए जाने की बात उठाते हुए पार्टी ने कहा है कि अकेले 11 करोड़ लोगों का रोजगार इस सेक्टर में दांव पर है। पूर्व वित्तमंत्री कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि सरकार की ओर से मदद नहीं दी गई तो प्राइवेट सेक्टर को बड़ी संख्या में नौकरियों की कटौती करने को मजबूर होना पड़ेगा और करोड़ों लोगों की रोजी-रोटी छीन जाएगी। 

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कांग्रेस ने कहा, एमएसएमई व प्राइवेट सेक्टर को सरकार के साहसिक फैसले का बेसब्री से इंतजार

कांग्रेस की ओर से आधिकारिक वीडियो प्रेस कांफ्रेंसिंग करते हुए चिदंबरम ने आगाह किया कि सरकार के पास भले समय हो मगर एमएसएमई इंतजार नहीं कर सकते। सरकार से संभावित मदद के आधार पर वे अपने कारोबार और कर्मचारियों के वेतन भुगतान आदि पर भविष्य की राह तय करेंगे। इसीलिए सरकार को तत्काल एमएसएमई क्षेत्र के लिए साहसिक फैसला लेते हुए पैकेज घोषित करना चाहिए।

एमएसएमई को संकट से बचाने के लिए प्रधानमंत्री को दिए गए कांग्रेस के सुझावों का जिक्र करते हुए चिदंबरम ने कहा कि काफी चिंतन-मनन के बाद यह ठोस प्रस्ताव सुझाया गया है। सरकार फिलहाल इनमें से एक लाख करोड़ रुपये के वेतन सुरक्षा पैकेज और एक लाख करोड़ रुपये के कर्ज गारंटी कोष की स्थापना के दो सुझावों को ही मान ले तो एमएसएमई संकट से उबर सकते हैं। क्योंकि वेतन देने और कारोबार के लिए बैंकों से कर्ज लेने में मदद मिलेगी। 

प्राइवेट सेक्‍टर व्‍यवसाय को लेकर असमंजस में 

चिदंबरम ने कहा कि एमएसएमई व्यवसाय की अप्रैल महीने में कोई सेल नहीं हुई और उनके विक्रेताओं के पैसे भी अटक गए हैं। अधिकांश प्राईवेट सेक्टर को मौद्रिक लिक्विडिटी के मोर्चे पर बहुत बड़ा झटका लगा है। अनिश्चितता के दौर में वे अपना व्यवसाय कैसे चला पाएंगे, इसको लेकर वे असमंजस में हैं। ऐसे में सरकार ने देरी की तो प्राइवेट सेक्टर को बड़ी संख्या में नौकरियों की कटौती करने को मजबूर होना पड़ेगा और करोड़ों लोगों की रोजी रोटी खत्म हो जाएगी।

अमेरिकी तर्ज पर 15 हजार करोड़ रुपये की मदद दे सरकार

पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि गैर एमएसएमई क्षेत्र के इन एक करोड़ लोगों की नौकरी बचाने के लिए सरकार को अमेरिका की तर्ज पर पे-चेक प्रोटेक्शन प्रोगाम की घोषणा करनी चाहिए। यह कानूनी नहीं बल्कि एक वित्तीय सहायता होगी। इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक लगभग एक करोड़ लोगों का वेतन 3,50,000 रुपये सालाना है जो 30,000 रुपये प्रतिमाह से कम है। सरकार 15000 रुपये प्रति माह का औसत वेतन मानकर इन एक करोड़ लोगों के लिए अप्रैल माह की वेतन सहायता देती है तो इसकी कुल लागत 15000 करोड़ रुपये आएगी।

चिदंबरम ने कहा कि इन एक करोड़ लोगों, जिन्होंने पूर्व में टैक्स रिटर्न भर टैक्स दिया है, उनका रोजगार बचाने के लिए सरकार यह फैसला लेती है तो यह कोई बड़ी रकम नहीं है। भविष्य निधि (ईपीएफ)और कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ईएसआई) में अगले तीन माह तक अल्पकालिक रूप से नियोक्ता अंशदान में छूट देने का भी चिदंबरम ने सरकार को सुझाव दिया।


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