गुलाम नबी आजाद बोले, छह माह में कांग्रेस का पूर्णकालिक अध्यक्ष होगा; यह हमारी जीत
आजाद ने पत्र लिखने के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि उनका मकसद पार्टी को मजबूत और सक्रिय करना है।
नई दिल्ली, जेएनएन। कांग्रेस में बड़े बदलाव के लिए सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि छह माह में पार्टी का पूर्णकालिक अध्यक्ष होगा, यह हमारी जीत है। उधर, लखीमपुर खीरी जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा जितिन प्रसाद के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए जाने पर कपिल सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस अपनों से नहीं, भाजपा से लड़े। पत्र लिखने वाले एक अन्य नेता शशि थरूर ने कहा कि एक बार जब पार्टी अध्यक्ष ने कह दिया कि मामला खत्म हो गया है, तो मिलकर काम करना सबकी जिम्मेदारी है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता आजाद ने कांग्रेस कार्यसमिति और पार्टी अध्यक्ष के लिए चुनाव कराने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिला अध्यक्ष और राज्य अध्यक्ष जैसे संगठन के महत्वपूर्ण पदों के लिए चुनाव कराया जाना चाहिए।
आजाद ने कहा कि जिस किसी की भी कांग्रेस के काम करने के तरीके में वास्तविक दिलचस्पी है, वह हमारे इस प्रस्ताव का स्वागत करेगा कि सभी राज्य और जिला अध्यक्षों के पदों के लिए निर्वाचन कराया जाना चाहिए। इसके अलावा कांग्रेस कार्यसमिति का भी चुनाव कराया जाना चाहिए।
आजाद ने पत्र लिखने के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि उनका मकसद पार्टी को मजबूत और सक्रिय करना है। लेकिन, जो लोग विभिन्न पदों पर नियुक्त हुए बैठे हैं, हमारे प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने पूछा कि कार्यसमिति का चुनाव करवाने में क्या बुराई है, जब इसके सदस्यों का एक निश्चित कार्यकाल होगा?
सिब्बल ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया
इस बीच, कपिल सिब्बल और अन्य नेताओं ने यह संदेश देने का मन बना लिया है कि बदलाव के बगैर वे शांत नहीं होंगे। गुरुवार को सिब्बल जितिन प्रसाद के साथ खुलेआम खड़े हुए। जितिन ने भी चिट्ठी पर हस्ताक्षर किया था और उसके कारण जिला कांग्रेस कमेटी ने उनके खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था। सिब्बल ने ट्वीट कर इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा, 'कांग्रेस को भाजपा के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करनी चाहिए, अपने जितिन प्रसाद के खिलाफ नहीं।' चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वाले वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने सिब्बल की बातों का समर्थन करते हुए एक शब्द में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, 'प्रीसेंट' यानी भविष्यद्रष्टा। खुद जितिन ने कोई प्रतिक्रिया तो नहीं दी, लेकिन दोनों नेताओं के ट्वीट को रीट्वीट जरूर किया।
समर्थन जुटाने का कसा तंज
सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में चिट्ठी लिखने वाले ग्रुप 23 की चौतरफा घेरेबंदी हुई थी। उन्हें कठघरे में खड़ा किया गया था। बाद में माना जा रहा था कि हर किसी को चुप रहने की सलाह दी गई है। इसीलिए जब बुधवार को सिब्बल ने ट्वीट किया और परोक्ष रूप से दूसरे खेमे पर 'समर्थन जुटाने' का तंज कसा, तो कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई थी। लेकिन, गुरुवार को जिस तरह लखीमपुर खीरी जिला कांग्रेस कमेटी ने जितिन प्रसाद के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर उन्हें नेहरू परिवार का विरोधी बताया, उसके बाद ग्रुप 23 में फिर से चिंगारी भड़कने लगी है। सिब्बल ने इसका इजहार किया और मनीष तिवारी ने समर्थन। हालांकि उनके एक शब्द की प्रतिक्रिया में यह स्पष्ट नहीं हुआ कि वह क्या कहना चाहते हैं। लेकिन, उनके करीबियों का मानना है कि पार्टी में चाटुकारिता खत्म नहीं हुई तो परेशानी बढ़ेगी। भविष्य में भी अगर वही होता रहा, जो जितिन प्रसाद के साथ किया गया है, तो कांग्रेस कभी सुधर नहीं पाएगी।